पुत्र श्री शिखर रंजन के ‘जन्मदिन’ को पिता श्री आलोक रंजन, माँ श्रीमती सुरभि रंजन ने नि:शक्ततिमारदरों की भोजन सेवा कर ‘सेवा दिवस’ के रूप में मनाया
विजयश्री फाउंडेशन-प्रसादम कार्यकारिणी के संरक्षक श्री आलोक रंजन व धर्मपत्नी मां अन्नपूर्णा स्वरूपा सुरभि रंजन की जोड़ी ने बेटे श्री शिखर रंजन के जन्मदिन पर लखनऊ के ‘लोहिया इंस्टिट्यूट’ में जलाई सेवा की जोत

लखनऊ। विजयश्री फाउंडेशन-प्रसादम कार्यकारिणी के संरक्षक मंडल से रिटायर्ड आईएएस श्री आलोक रंजन और उनकी धर्मपत्नी मां अन्नपूर्णा स्वरूपा श्रीमती सुरभि रंजन की देवतुल्य युगल जोड़ी ने आज पुत्र श्री शिखर रंजन के जन्मदिन के शुभ अवसर पर रविवार को लखनऊ के ‘लोहिया इंस्टिट्यूट’ में कैंसर से पीड़ित निशक्ततीमारदारों की भोजन सेवा कर सेवा दिवस के रूप में मनाया पुत्र श्री शिखर रंजन का जन्मदिवस I
इस देवतुल्य युगल की ओर से हर माह मासिक भोजन सेवा की जाती है और इस तरह असहाय लोगों की भोजन सेवा से सर्वे भवंतु सुखिन: के मूल मंत्र को चरितार्थ करते हुए उनके जख्मों पर मरहम लगाने का निरंतर सार्थक प्रयास चलता रहता है।
इस संगठन के मार्गदर्शक की भूमिका में मां अन्नपूर्णा स्वरूपा श्रीमती सुरभि रंजन सक्रिय तौर पर योगदान देती रहती है और संरक्षक श्री आलोक रंजन भी लगातार विजयश्री फाउंडेशन प्रसादम सेवा को आशीर्वाद प्रदान करते रहते है।
फूडमैन विशाल सिंह ने भी पुरे संगठन की ओर से श्री शिखर रंजन जी को जन्मदिन की बधाई दी।उन्होंने कहा कि नर सेवा नारायण सेवा का यह पुनीत मिशन बिना आप साथियों के सहयोग के बिना संभव नहीं है।
फूडमैन विशाल सिंह ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि ये आपके ही प्रयासों का सुखद परिणाम है कि कई सेवा भावी लोग इस मिशन में जुड़कर सेवा परमो धर्म: के विचार को आगे बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने इसे अपने संगठन का सौभाग्य बताते हुए कहा कि श्रीमती सुरभि रंजन व श्री आलोक रंजन इस मिशन के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों का पेट भरने में सहायता के लिए सदैव तैयार रहते हैं।
फूडमैन ने कहा कि आज विजयश्री फाउंडेशन प्रसादम सेवा के माध्यम से लखनऊ के 3 अस्पताल मेडिकल कॉलेज लखनऊ, बलरामपुर अस्पताल लोहिया संस्थान लखनऊ में दोपहर के समय लगभग 1000 निःशक्त तीमारदारों को निःशुल्क भोजन सेवा की जाती है।
इसमें फाउंडेशन के संरक्षक मंडल से रिटायर्ड आईएएस श्री आलोक रंजन और उनकी धर्मपत्नी मां अन्नपूर्णा स्वरूपा श्रीमती सुरभि रंजन का भी अहम् योगदान रहता है।इस तरह संगठन के माध्यम से इन जरूरतमंद लोगों की सेवा हेतु संभव मदद कर ‘सेवा परमो धर्मः’ विचार को लगातार आगे बढ़ाया जाता रहता है। यह सारे सेवा कार्य समाज से सार्थक ऊर्जावान सेवादार साथियों के माध्यम से ही संभव हो पा रहा है।
फूडमैन विशाल सिंह ने आगे कहा कि ये कितना सार्थक विचार है कि अस्पतालों में दर्द से जूझ रहे जरूरतमंद लोगों की भोजन सेवा कर उनकी इस मुश्किल घड़ी में मरहम लगाने का सार्थक प्रयास लगातार चलता रहता है और ऐसा ही सार्थक प्रयास आपका समस्त परिवार समय-समय पर जारी रखता है।
बताते चले कि विजयश्री फाउंडेशन- प्रसादम सेवा लगातार 15 वर्षों से अस्पतालों में अपने परिजनों का इलाज कराने आने वाले नि:शक्त तीमारदारों, जरूरतमंद लोगों की सेवा कर रही है जिसके चलते विशाल सिंह को फ़ूडमैन की उपाधि मिली है।उनके द्वारा अस्पताल में आधुनिक रैन बसेरों का भी संचालन किया जा रहा हैं जहां तीमारदारों को एक छत के नीचे भोजन और रात गुजारने का आश्रय मिलता है। यह मानवीय कार्य फूडमैन विशाल सिंह की विचारधार से प्रेरित लोगों के हृदय में पनप रहा है।
कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दोरान फूडमैन विशाल सिंह द्वारा राहत एवं आपदा आयुक्त कार्यालय, जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, यूपी रोडवेज, आयुष विभाग नगर निगम के साथ मिलकर साढे़ सात लाख से से अधिक जरूरतमंद लोगों को भोजन एवं आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई गई थी। इसी के साथ महामारी की दूसरी लहर में जिला प्रशासन ने डीआरडीओ अटल बिहारी वाजपेई कोविड अस्पताल, हज हाउस कोविड-19 हस्पताल में तीमारदारों, मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारी सुरक्षा कर्मचारी आदि की निःशुल्क भोजन सेवा की जिम्मेदारी बखूबी निभाई।