
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ को पुलिस कमिश्नर ने बताया कि बिजनौर थाने को वर्तमान स्थान से हटा इसके लिए आवंटित नयी जगह पर शिफ्ट कर लिया जायेगा। इस आश्वासन को पीठ ने संज्ञान में लेते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया।
यह आदेश जस्टिस एआर मसूदी व जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने त्रिलोचन सिंह व अन्य की याचिका पर पारित किया है।इससे पहले मंगलवार को कोर्ट ने मामले की सुनवायी करते हुए पाया था कि आदेश के एक साल बीत जाने के बाद भी सरकार की अोर से कोई जवाब नहीं दाखिल किया गया था। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए पुलिस कमिश्नर को तलब कर लिया था।
आदेश के अनुपालन में पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए और उन्होंने बिजनौर थाने को हटाने के लिए एक वर्ष के समय की मांग की जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।उल्लेखनीय है कि याचिका में बिजनौर थाने के वर्तमान भवन को सड़क पर अतिक्रमण कर बनाने का आरोप लगाया गया था।
कहा गया कि बिजनौर रोड पर सीआरपीएफ चौराहे पर वर्ष 2012 से 2014 के बीच बिजनौर पुलिस चौकी बनाई गई जो सिर्फ एक कमरे की थी। धीरे-धीरे उक्त चौकी का अतिक्रमण बढ़ने लगा और बिजनौर थाना बनने के बाद उक्त चौकी में ही थाना चलाया जाने लगा।
कहा गया कि ठीक चौराहे पर थाना बनाए जाने से यहां भीषण जाम की समस्या हमेशा रहती है। यही नहीं पुलिस द्वारा सीज की गई गाड़ियां तथा पुलिसकर्मियों की गाड़ियां भी थाने के बाहर खड़ी होती हैं जिसकी वजह से आने जाने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का समस्या करना पड़ता है।