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एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी : भारत ने पाकिस्तान को 4-0 से दी करारी शिकस्त

भारत ने प्रत्येक क्वार्टर में एक-एक गोल किया। उसकी तरफ से कप्तान हरमनप्रीत सिंह (15वें और 23वें मिनट) ने पेनल्टी कॉर्नर पर दो गोल किए।

चेन्नई। कप्तान हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई में भारत ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने के अपने कौशल का शानदार नमूना पेश करते हुए बुधवार को यहां एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी (एसीटी) हॉकी टूर्नामेंट के राउंड रोबिन लीग के आखिरी मैच में पाकिस्तान को 4-0 से करारी शिकस्त देकर फिर से शीर्ष स्थान हासिल किया और अपने इस चिर प्रतिद्वंदी को सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर कर दिया।

भारत ने प्रत्येक क्वार्टर में एक-एक गोल किया। उसकी तरफ से कप्तान हरमनप्रीत सिंह (15वें और 23वें मिनट) ने पेनल्टी कॉर्नर पर दो गोल किए। जुगराज सिंह ने 36वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदला जबकि आकाशदीप सिंह ने 55वें मिनट में मैदानी गोल दागा।
भारत इस तरह से पांच मैचों में चार जीत और एक ड्रॉ से 13 अंक लेकर शीर्ष पर रहा। वह शुक्रवार को दूसरे सेमीफाइनल में चौथे नंबर पर रहने वाले जापान से भिड़ेगा जबकि पहला सेमीफाइनल दूसरे नंबर पर रहे मलेशिया और तीसरे नंबर की टीम दक्षिण कोरिया के बीच होगा।

मलेशिया ने दक्षिण कोरिया के खिलाफ 1-0 की जीत से अपने अंकों की संख्या 12 पर पहुंचा कर कुछ समय के लिए शीर्ष स्थान हासिल कर लिया था। दक्षिण कोरिया, जापान और पाकिस्तान के समान पांच-पांच अंक रहे। दक्षिण कोरिया और जापान ने हालांकि बेहतर गोल अंतर के कारण सेमीफाइनल में जगह बनाई। पाकिस्तान पांचवें स्थान के प्लेऑफ मैच में चीन से भिड़ेगा।

भारत तकनीकी और कौशल ही नहीं रणनीतिक खेल में भी पाकिस्तान पर हावी रहा और उसने अपने प्रतिद्वंदी को गोल करने के कोई खास मौके नहीं दिए।पाकिस्तान में शुरू में अधिक आक्रामकता दिखाई जिसका उसे तीसरे मिनट में फायदा मिला जब जवाबी हमले में अब्दुल हन्नान ने गोल कर दिया। भारत ने हालांकि तुरंत ही रिव्यू लिया जिसके बाद यह गोल अमान्य करार दिया गया और पाकिस्तान को पेनल्टी कॉर्नर मिला। भारतीय गोलकीपर कृष्ण बहादुर पाठक ने हालांकि बेहतरीन बचाव करके उसे नाकाम कर दिया।

भारतीय टीम ने इसके बाद लय बनाई और कुछ अच्छे मूव से पाकिस्तानी रक्षकों को व्यस्त रखा। भारत को इसका फायदा पहले क्वार्टर के अंतिम क्षणों में मिला जब उसने पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया जिसे हरमनप्रीत ने गोल में बदलने में कोई गलती नहीं की।

हरमनप्रीत ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की अपनी विशेषज्ञता का फिर से अच्छा नमूना पेश किया। भारत को 23वें मिनट पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर भारतीय कप्तान ने अपना और टीम के लिए दूसरा गोल दागा।

भारत को दूसरे क्वार्टर के अंतिम क्षणों में जरमनप्रीत सिंह के प्रयास से पेनल्टी कॉर्नर मिला था लेकिन इस बार पाकिस्तानी रक्षक हरमनप्रीत के शॉट का बचाव करने में सफल रहे। इस तरह से भारत मध्यांतर तक 2-0 से आगे था।

मध्यांतर के बाद दोनों टीमों ने अच्छे प्रयास किए लेकिन वह भारत था जिसने अपनी बढ़त 3-0 करने में देर नहीं लगाई। गुरजंत सिंह ने खेल के 36वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। इस बार हरमनप्रीत की जगह जुगराज सिंह ने जिम्मेदारी संभाली। उनका ड्रैग फ्लिक इतना ताकतवर था कि पाकिस्तानी गोलकीपर अकमल हुसैन के उस पर हाथ लगाने के बावजूद गेंद गोलपोस्ट के अंदर चली गई।

भारत के पास इसके तीन मिनट बाद गोल करने का एक और मौका था जब हरमनप्रीत गेंद को लेकर सर्किल में गए जिसे उन्होंने आकाशदीप की तरफ बढ़ाया। उन्होंने गेंद को डिफलेक्ट किया लेकिन वह गोल पोस्ट के करीब से बाहर चली गई।

भारत ने चौथे क्वार्टर में अधिक आक्रामक रवैया अपनाया। खेल के 48वें मिनट में मनप्रीत सिंह ने पाकिस्तानी सर्किल के दाहिनी तरफ नीलकांत को गेंद थमाई जिन्होंने उस पर करारा शाट जमाया और सुखजीत सिंह ने उसे गोल पोस्ट के अंदर तक पहुंचाया। गेंद हालांकि सुखजीत के हाथ से लग कर गई जिसके कारण अंपायर में गोल अमान्य करार दे दिया।

भारत के लिए चौथे क्वार्टर में आकाशदीप ने गोल किया। नीलकांत ने यह मूव बनाया। उन्होंने सर्किल के बाई तरफ मनदीप को गेंद थमाई। उन्होंने पाकिस्तान के दो रक्षकों को छका कर गोल पोस्ट के नजदीक खड़े आकाशदीप को पास दिया जिन्होंने उस पर गोल करने में कोई गलती नहीं की।

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