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श्वेतांशु व शिवांगी की जोड़ी ने “दांपत्य जीवन में प्रवेश करने पर की नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा

लोहिया इंस्टीट्यूट में सौजन्य श्री संजय टंडन,श्रीमती शशि टंडन,श्री नरेन्द्र सेठ जी,श्रीमती सुनीता सेठ जी ने पहुंचकर जलाई सेवा की जोत, की नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा

  • विशाल सिंह फ़ूडमैंन ने बड़े भैया श्री संजय टंडन व भाभी शशि टंडन का जताया आभार, पुराने दिन यादकर हुए भावुक  

लखनऊ। अपने खुशियों को कुछ लोग उत्सव के तौर पर मनाते है तो कुछ लोग अन्य तरीकों का सहारा लेते है। हालांकि कुछ लोगों को अपनी ख़ुशी दूसरों के साथ साझा करके ही सच्ची ख़ुशी मिलती है।

ऐसी ही एक विभूति है प्रसादम कार्यकारिणी से श्री श्वेतांशु व श्रीमती शिवांगी जी ने दांपत्य जीवन में प्रवेश करने पर सौजन्य श्री संजय टंडन,श्रीमती शशि टंडन,श्री नरेन्द्र सेठ जी,श्रीमती सुनीता सेठ जी के द्वारा उन्होंने लोहिया इंस्टीट्यूट में पहुंचकर कैंसर व असाध्य रोगों से पीड़ित नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर सेवा दिवस के रुप में मनाया ।

विजयश्री फाउंडेशन-प्रसादम कार्यकारिणी का एक अभिन्न हिस्सा श्री सौजन्य श्री संजय टंडन,श्रीमती शशि टंडन,श्री नरेन्द्र सेठ जी,श्रीमती सुनीता सेठ सदैव अपने पुण्य हाथों से इन जरूरमंदों को भोजन प्रसाद करा कर सेवा परमो धर्मः विचार को आगे बढ़ाते रहते हैं। आपका हमेशा यह प्रयास रहता है इस मिशन के माध्यम से अधिक से अधिक लोग की सेवा हो सके।

आज आपने अपनी बेटे-पुत्रवधू के गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने  पर अपना सहयोग प्रदान कर इस पुनीत कार्य को सफल बनाने का कार्य करते हुए इन जरूरमंदों को भोजन प्रदान कर उनकी पीड़ा को कम करने का सार्थक प्रयास किया।

इस पुनीत सेवा कार्य में आपका परिवार भी भागीदार बना और सभी के सभी के इस नेक प्रयास से बहुत से लोगों को भोजन प्रसाद ग्रहण किया। इस बारे में फूडमैन विशाल सिंह बताते है कि समाज और संसार में दया ही श्रेष्ठ धर्म है।

विशाल सिंह फ़ूडमैंन ने बताया बड़े भैया श्री संजय टंडन व माँ सामान भाभी श्रीमती शशि टंडन जी मेरे आदर्श है. आप दोनों की वजह से आज मैं यह सेवा कर पा रहा हू. यह बताते हुए विशाल सिंह भावुक हो गए. विशाल सिंह ने यह भी बताया की एक समय ऐसा भी आया था मेरे जीवन में जब मैं मानसिक रूप से बिमार हो गया था.

उस समय बड़े भैया श्री संजय टंडन व भाभी श्रीमती शशि टंडन जी में मुझे सहारा दिया और मेरी मदद की. उन्होंने कहा जिसका मैं आजीवन कर्जदार रहूँगा. आज भी आप दोनों मेरे बुरे समय में साथ रहते और हमेशा मेरा मार्गदर्शन करते रहते है. और मैं चाहता हू ये आशीर्वाद ऐसा ही चलता रहे. आप दोनों के सेवा के लिए आपका अपना विशाल सदैव उपस्थिति रहेगा.

विशाल सिंह फ़ूडमैंन बताते है कि श्वेतांशु व शिवांगी आज दोनों देश के बाहर रहकर भी अपने माता-पिता से में संस्कार आगे बढ़ा रहे है।  श्वेतांशु व शिवांगी को ये सेवा संस्कार उन्हें उनके माता श्रीमती शशि टंडन–पिता श्री संजय टंडन  से विरासत में मिले है और आज  नि:शक्त व असहायों की सेवा कर नव दंपति के रूप में आप अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत करने जा रहे हैं। आपका वैवाहिक जीवन सुखमय और शांति के साथ बीते, यही मेरी ऊपर वाले से दुआएं हैं।

विशाल सिंह फ़ूडमैंन ने कहा कि अगर अपने से दीन-हीन, असहाय, अभावग्रस्त, आश्रित, वृद्ध, विकलांग, जरूरतमंद व्यक्ति पर दया दिखाते हुए उसकी सेवा और सहायता करेंगे, तभी समाज उन्नति करेगा।

उन्होंने कहा कि आज विजयश्री फाउंडेशन प्रसादम सेवा के माध्यम से लखनऊ के 3 अस्पतालो- मेडिकल कॉलेज लखनऊ, बलरामपुर अस्पताल लोहिया संस्थान लखनऊ में 1000 निःशक्त तीमारदारों को निःशुल्क भोजन सेवा समाज के विद्वान सेवाभावी परिवारों के सहयोग से ही संभव हो पा रहा है ।

फूडमैन विशाल सिंह ने श्री बड़े भैया श्री संजय टंडन व माँ सामान भाभी श्रीमती शशि टंडन के द्वारा  गये इस नेक कार्य हेतु एवं आपके पूरे परिवार को कोटि-कोटि वंदन करते हुए पूरे संगठन की तरफ से आप दोनों सदा खुश रहें, स्वस्थ रहें और मस्त रहें। मेरी तरफ से आप दोनों को नव दांपत्य जीवन की हार्दिक शुभकामनाएं। उन्होंने इसके साथ ही परमपिता परमात्मा, मां अन्नपूर्णा एवं मां लक्ष्मी से श्री श्वेतांशु व श्रीमती शिवांगी की जोड़ी व उनके पूरे परिवार की सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य, यश, कीर्ति एवं दीर्घायु की मंगल कामना की।

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