पहुंचे लक्ष्य सेन कनाडा ओपन के फाइनल में, पीवी सिंधू सेमिफाइनल में हारीं
सेन ने जापान के 11वीं रैंकिंग के खिलाड़ी को 21-17 21-14 से हराकर अपने दूसरे सुपर 500 फाइनल में जगह बनायी। यह एक साल में उनका पहला बीडब्ल्यूएफ फाइनल भी होगा।

कालगैरी। राष्ट्रमंडल खेलों के चैम्पियन लक्ष्य सेन ने यहां जापान के केंटा निशिमोटो पर सीधे गेम में जीत दर्ज कर कनाडा ओपन सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया।
सेन ने जापान के 11वीं रैंकिंग के खिलाड़ी को 21-17 21-14 से हराकर अपने दूसरे सुपर 500 फाइनल में जगह बनायी। यह एक साल में उनका पहला बीडब्ल्यूएफ फाइनल भी होगा।
𝐔𝐧𝐬𝐭𝐨𝐩𝐩𝐚𝐛𝐥𝐞 💪
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— BAI Media (@BAI_Media) July 9, 2023
लक्ष्य ने निशिमोतो के खिलाफ पहले सेट में एक समय 11-11 से स्कोर बराबर होने के बाद बढ़त लेनी शुरु की। लगातार चार प्वाइंट जीतने के बाद लक्ष्य की पकड़ कमजोर हुई और निशिमोतो ने स्कोर 16-17 तक पहुंचा दिया। इसके बाद सेन ने बेहतरीन खेल दिखाया और सेट 21-17 से जीता।दूसरे सेट में 4-4 से स्कोर एक समय बराबर था और यहां से सेन ने खेल अपने पक्ष में कर लगातार प्वाइंट जीतने के साथ ही सेट 21-14 से जीता।
सेन ने टूर्नामेंट के पहले दौर में दूसरी सीड कुनलावुत विदितसर्न को हराया था और अब चौथी सीड निशिमोतो को हराकर वह खिताब के मजबूत दावेदार बन गए हैं। सेन का फाइनल में सामना पांचवी सीड चीन के ली शी फेंग से होगा।
लेकिन महिला सिंगल्स से भारत को निराशाजनकर खबर मिली। पूर्व विश्व नंबर 2 और दो बार की ओलंपिक मेडलिस्ट पीवी सिंधू सेमीफाइनल में हार गईं। चौथी सीड सिंधू को टॉप सीड जापान की अकाने यामागूची के खिलाफ 21-14, 21-15 से हार मिली।
पिछले ही महीने यामागूची ने सिंधू को सिंगापुर ओपन के पहले दौर में हराया था। सिंधू इस सीजन एक भी खिताब नहीं जीत पाई हैं। इस साल अप्रैल में वह स्पेन मास्टर्स के फाइनल तक पहुंची थीं लेकिन हारकर खिताब से चूक गईं।
कनाडा ओपन की शुरुआत साल 1957 में हुई थी।
भारत की ज्वाला गुट्टा-अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने साल 2015 में यहां महिला डबल्स का खिताब जीत पहली बार देश को यह खिताब दिलाया था। 2016 में बी साईं प्रणीत यहां पुरुष सिंगल्स चैंपियन बने जबकि उसी साल मनु अत्री- सुमित रेड्डी की जोड़ी ने पुरुष सिंगल्स का टाइटल हासिल किया। 2016 के बाद से ही कोई भारतीय खिलाड़ी यहां खिताब नहीं जीत पाया है।