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कपिल सिब्बल ने मणिपुर में की राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग

नई दिल्ली । राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा कि मणिपुर में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता मुख्यमंत्री नोंगथोम्बम बीरेन सिंह को बर्खास्त करना और राष्ट्रपति शासन लागू करना है।मणिपुर में मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के खिलाफ तीन मई को पहाड़ी जिलों में ‘ट्राइबल सॉलिडैरिटी मार्च’ निकाला गया था जिसको लेकर जातीय हिंसा भड़क गई थी और अब तक इसमें 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है एवं कई अन्य घायल हैं।

सिब्बल ने ट्वीट किया कि आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता: बीरेन सिंह को हटाया जाए और अनुच्छेद 356 लागू किया जाए एवं हमारे देश की महिलाओं से माफी मांगी जाए।” उन्होंने कहा, “निर्भया, उन्नाव, हाथरस, कठुआ और बिल्कीस (दोषियों को रिहा करने का फैसला) के बाद से कुछ नहीं बदला है।

बेटी बचाओ प्रधानमंत्री जी!भारत के संविधान के अनुच्छे-356 के तहत अगर राज्य सरकार संवैधानिक प्रावधानों के तहत शासन करने में अक्षम होती है तो उक्त राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। मणिपुर में गत बुधवार को उस समय तनाव और बढ़ गया जब चार मई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। उक्त वीडियो में दिखाई दे रहा है कि एक समुदाय की दो महिलाओं को दूसरे समुदाय के लोगों का एक समूह निवस्त्र कर घुमा रहा है।

मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी 53 प्रतिशत है जो मुख्य रूप से इंफाल घाटी में निवास करती है और उसका आदिवासी समूहों से संघर्ष हो रहा है जो राज्य की आबादी का 40 प्रतिशत है। इनमें नगा और कूकी शामिल हैं।

सिब्बल पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दोनों कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री थे। उन्होंने पिछले साल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और समाजवादी पार्टी के समर्थन से बतौर निर्दलीय राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए।

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