इस एक गलती के कारण शर्मिला टैगोर की मां ने कई महीनों तक उनसे बात नहीं की थी, पढ़ें क्या थी वजह?
शर्मिला ने टैगोर की साइन की हुई किताब देखी तो मां को बिन बताए वो किताब स्कूल लेकर चलीं गईं।

मुंबईIदिग्गज अभिनेत्री शर्मिला टैगोर को एक्टिंग के साथ-साथ उनके ड्रेसिंग सेंस और ग्रेस के लिए भी जाना जाता है। वो अपने जीवन में काफी अनुशासित भी हैं, लेकिन एक वक्त था जब वो काफी लापरवाह थीं। शर्मिला के साथ हुई एक घटना ने उन्हें जीवन में अनुशासित बना दिया।
इस बात का जिक्र खुद शर्मिला टैगोर ने अपने एक इंटरव्यू में किया था। शर्मिला टैगोर की नानी लतिका टैगोर रवींद्रनाथ टैगोर के भाई दुजेंद्र नाथ टैगोर की पोती थीं। शर्मिला टैगोर की मां इरा बरुआ रवींद्रनाथ की लेखनी और पेंटिंग से काफी प्रभावित थीं। टैगोर उन्हें जो भी किताबें या पेंटिंग देते वो उन्हें बड़े जतन से रखतीं थीं।
शर्मिला टैगोर तब 12 साल की थीं। उन्हें एक दिन उनकी मां ने रवींद्रनाथ टैगोर का साइन किया हुआ उपन्यास, ‘गोरा’ दिया और कहा कि वो इसे संभालकर रख दें। जब शर्मिला ने टैगोर की साइन की हुई किताब देखी तो मां को बिन बताए वो किताब स्कूल लेकर चलीं गईं।
उन्होंने स्कूल में सभी को बताया कि उनके पास रवींद्रनाथ टैगोर की साइन की हुई किताब है। शाम को जब वो घर लौटीं और अपने बैग में देखा तो रवींद्रनाथ का उपन्यास गायब था। शर्मिला ने किताब बहुत ढूंढा लेकिन नहीं मिला तो ये बात उन्होंने अपनी मां से बता दी। उनकी ये बात सुन शर्मिला की मां इतनी नाराज हुईं कि उन्होंने बेटी शर्मिला से बोलना ही छोड़ दिया। उन्होंने कई महीनों तक शर्मिला से बात नहीं की। इस घटना ने शर्मिला टैगोर की जिंदगी बदल दी।
शर्मिला टैगोर ने अपने करियर की शुरुआत सत्यजीत रे की बंगाली फिल्म ‘अपूर संसार’ से की थी। उनकी पहली हिंदी फिल्म थी, ‘कश्मीर की कली।’ शर्मिला टैगोर ने फिल्म जगत में चली आ रही रूढ़ियों को तोड़ने का भी काम किया। फिल्म ‘एन इवनिंग इन पेरिस’ में उन्होंने बिकिनी पहना। यह पहली बार था जब किसी अभिनेत्री ने फिल्मों में बिकिनी पहना हो। शर्मिला टैगोर ने क्रिकेटर और पटौदी नवाब मंसूर अली खान से शादी की। शर्मिला टैगोर के दोनों बच्चों, सैफ अली खान और सोहा अली खान ने अपनी मां की तरह ही एक्टिंग को चुना है।