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पेयजल परियोजनाओं में शिथिलता बरतने वाले अभियंताओं पर हुई सख्त कार्रवाई

जल निगम (ग्रामीण) बलिया के अधिशासी अभियंता अजीत कुमार सिंह किये गये निलंबित

लखनऊ।  जल जीवन मिशन की निर्माणाधीन योजनाओं में देरी करने, ग्रामवासियों को समय से पेयजल उपलब्ध न करा पाने,  आम जनता के बीच बेहतर छवि न पेश करने, कार्यदायी संस्थाओं के भुगतान में अनावश्यक लेट लतीफी करने वाले इंजीनियर पर जल निगम (ग्रामीण) प्रबंधन ने कड़ी कार्रवाई की है।

जल जीवन मिशन परियोजना को गति देने में नाकाम बलिया के अधिशासी अभियंता अजीत सिंह को निलंबित कर दिया है। जल निगम (ग्रामीण) के एमडी डॉ. बलकार सिंह ने 5 अधिशासी अभियंताओं और 5 सहायक अभियंताओं को भी हटा दिया है। उनकी जिम्मेदारियों में बदलाव किया गया है। 2 अधिशासी अभियंताओं और एक अधीक्षण अभियंता को दूसरे जनपद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है।

डॉ. बलकार सिंह ने अभियंताओं से पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ समय पर योजनाओं को पूरा करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर योजनाओं में देरी को वो बर्दाश्त नहीं करेंगे। चेतावनी देते हुए कहा है कि योजना की प्रगति की रफ्तार धीमी पाए जाने पर जिम्मेदार अभियंतओं पर कार्यवाई की जाएगी।

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बता दें निलंबित किये गये बलिया के अधिशासी अभियंता अजीत सिंह पर अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन न करने, निर्माणाधीन पेयजल योजनाओं विशेष रूप से विश्व बैंक सहायतित योजनाओं के कार्य लम्बी अवधि के बाद भी अपूर्ण रखने, नलकूप निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध न कराने,

नलकूपों के विद्युत संयोजन के लिए बिजली विभाग से समन्वय स्थापित न करने, एफएचटीसी कार्यों में प्रगति न देने, कार्यों के पर्यवेक्षण में शिथिलता बरतने, ग्राम वासियों को समय से पेयजल उपलब्ध न कराने, सरकारी कार्मचारी आचरण नियमावली-1956 के प्रावधानों का उल्लंघन करने जैसे कई आरोप हैं। उनके आरोपों की जांच के लिए जल निगम (ग्रामीण) गोरखपुर के मुख्य अभियंता सौरभ सुमन को नामित किया गया है।

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