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मणिपुर में हिंसा के माहौल में थोड़ी राहत, 11 जिलों में मिली कर्फ्यू में ढील

मंगलवार को अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों पर ड्रोन और हेलीकॉप्टरों से कड़ी निगरानी की जा रही है।

मणिपुर में मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति दर्जे पर मचे बवाल के चलते वहां बीते कई दिनों से जबरदस्त हिंसा हुई है। हालंकि फिलहाल वहां हिंसा की कोई रिपोर्ट नहीं मिल रही है।

इसके चलते राज्य के 11 जिलों में कर्फ्यू में ढील दे दी गई है। ये जानकारी मंगलवार को अधिकारियों ने देते हुए बताया कि मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों पर ड्रोन और हेलीकॉप्टरों से कड़ी निगरानी की जा रही है।

इससे एक दिन पहले वहीं, सोमवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने जानकारी दी कि इस पूर्वोत्तर राज्य में पिछले कुछ दिन से जारी जातीय हिंसा में 60 लोगोें की मौत हो गई है जबकि 231 घायल हुए और धार्मिक स्थलों सहित 1,700 घर जला दिए गए है।

वहीं मंगलवार को राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी बताया कि पिछले 24 घंटों में हिंसा की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। यानि ये स्पष्ट है कि राज्य में हालात सुधर रहे है। इसके चलते आज सुबह 5 बजे से चार घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई है और अन्य नौ प्रभावित जिलों में भी ऐसी छूट दी जा रही है।

दरअसल  मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर (एटीएसयूएम) ने गत बुधवार को आदिवासी एकजुटता मार्च किया था जिस दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा होने लगी जो धीरे-धीरे पूरे राज्य में फैल गई थी।

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नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों ने इस मार्च का आयोजन मणिपुर हाईकोर्ट के 27 मार्च के फैसले का बाद किया था, जिसमें राज्य सरकार को मेइती समुदाय की एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को सिफारिश भेजने का निर्देश दिया था।

बताते चले कि मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति दर्जे पर मणिपुर हाईकोर्ट के विभिन्न आदेशों को चुनौती देते हुए भाजपा विधायक और पहाड़ी क्षेत्र समिति (एचएसी) के अध्यक्ष डिंगांगलुंग गंगमेई ने अपील दायर की थी। इसमें मेइती को एसटी दर्जे पर मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेशों को चुनौती दी है।  इसमें कोर्ट के आदेश की आलोचना पर अवमानना नोटिस जारी करना भी शामिल है।

दूसरी ओर मणिपुर सरकार ने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख, गंभीर रूप से घायलों को 2-2 लाख और मामूली चोट वाले लोगों को 25,000 रुपये देने की घोषणा की है। वहीं जिन लोगों के घर नष्ट हो गए  उन्हें दो लाख रुपये का भुगतान मिलेगा और राज्य सरकार उनका पुनर्निर्माण करेगी।

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