
बेंगलुरु। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने शनिवार कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सिद्धारमैया दूसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने हैं वहीं डीके पहली बार डिप्टी सीएम बने हैं। बेंगलुरु के कांतीरवा स्टेडियम में गांधी परिवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और विपक्ष के बड़े नेताओं की मौजूदगी में राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने दोनों नेताओं को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
सिद्धारमैया और डीके के साथ ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जी परमेश्वर, लिंगायत नेता और पांच बार के विधायक एम बी पाटिल और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पुत्र प्रियांक खड़गे, के एच मुनियप्पा, के जे जॉर्ज, सतीश जार्कीहोली, रामालिंगा रेड्डी और बी जेड जमीर अहमद खान ने मंत्री पद की शपथ ली।
एच मुनियप्प देवनहल्ली से विधायक हैं। वे 2009 में रेल राज्यमंत्री रहे। मुनियप्पा दलित समुदाय से आते हैं। वहीं के जे जॉर्ज- सर्वज्ञनगर से छठी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। बंगारप्पा सरकार में शहरी विकास मंत्री भी रह चुके हैं। जॉर्ज का संबंध अल्पसंख्यक समुदाय से है। जार्कीहोली अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं, जबकि रामालिंगा रेड्डी का संबंध रेड्डी जाति से है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और उप मुख्यमंत्री शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय के हैं।
बेंगलुरु में हुए नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार शामिल हुए।
इसके अलावा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, मक्कल नीडि माईम के प्रमुख कमल हसन, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी मंच पर मौजूद थे।
सिद्धारमैया के सामने पहली चुनौती सही संतुलन के साथ मंत्रिमंडल के गठन की है, जिसमें सभी समुदायों, धर्म, वर्गों और पुरानी तथा नयी पीढ़ियों के विधायकों का प्रतिनिधित्व हो। कर्नाटक मंत्रिमंडल में मंत्रियों की स्वीकृत संख्या 34 है और अनेक विधायक मंत्री पद की आकांक्षा रखते हैं।