
लखनऊ। प्रसादम कार्यकारिणी से सेवादार साथी श्री प्रफुल्ल चंद्रा (दादा) व श्रीमती मधु चंद्रा (दादी) ने अपनी पौत्री प्यारी परी रुषिका चंद्रा के जन्मदिन पर लोहिया इंस्टीट्यूट लखनऊ में कैंसर व असाध्य रोगों से पीड़ित नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा की।
उन्होंने इस तरह अपने हाथो से जरुरतमंदो की भोजन सेवा करके सेवा परमो धर्मः विचार को बल प्रदान किया। दादा श्री प्रफुल्ल चंद्रा व दादी श्रीमती मधु चंद्रा के लिए इससे बड़ी खुशी का दिन क्या हो सकता है कि उनके घर में साक्षात मां अन्नपूर्णा एवं मां लक्ष्मी स्वरुप उनकी पौत्री रुषिका चंद्रा ने जन्म लिया जिससे उनके घर में खुशियों की बहार आ गई।
इसलिए उन्होंने अपनी पौत्री रुषिका चंद्रा के जन्मदिन को अनूठे अंदाज में मनाने का निर्णय लिया। आज आपने इस पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान कर जरूरतमंदों को भोजन प्रदान कर उनकी पीड़ा को कम करने का सार्थक प्रयास किया। इसके चलते आज बहुत से लोगों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया।
श्री प्रफुल्ल चंद्रा व दादी श्रीमती मधु चंद्रा ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि असहाय नि:शक्तजनों की सेवा करना व उनके दु:खों को कम करना हमारी निगाह में मानवता की सबसे बड़ी सेवा है और समाज के प्रबुद्ध तबके को भी नर सेवा नारायण सेवा पुनीत कार्य में बढ़-चढ़कर सहभागी बनना चाहिए।
हम जब भी समय मिले इस पुनीत कार्य में सहभागी बनने को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि प्रसादम सेवा यज्ञ में राशन की आहुति प्रदान करने से मिली संतुष्टि से मुझे सच्ची खुशी मिलती है और हमारी निगाह में सेवा ही परम धर्म है।
फ़ूडमैन विशाल सिंह बताते है कि समाज और संसार में दया ही श्रेष्ठ धर्म है।
अगर अपने से दीन-हीन, असहाय, अभावग्रस्त, आश्रित, वृद्ध, विकलांग, जरूरतमंद व्यक्ति पर दया दिखाते हुए उसकी सेवा और सहायता न की जाए, तो समाज भला कैसे उन्नति करेगा?
उन्होंने आगे बताया कि लखनऊ के 3 अस्पताल-मेडिकल कॉलेज लखनऊ, बलरामपुर अस्पताल, लोहिया संस्थान लखनऊ में दोपहर के समय लगभग 1000 निःशक्त तीमारदारों को निःशुल्क भोजन सेवा समाज से सार्थक ऊर्जावान सेवादार साथियों के माध्यम से ही संभव हो पा रहा है।
फ़ूडमैन विशाल सिंह ने प्रफुल्ल चंद्रा व श्रीमती मधु चंद्रा आज आपके द्वारा किये गये इन नेक कार्य हेतु उनके पूरे परिवार का आभार जताते हुए पूरे संगठन की तरफ से प्यारी परी रुषिका चंद्रा को जन्मदिन की बधाई दी।
उन्होंने कहा कि नर सेवा नारायण सेवा का यह पुनीत मिशन बिना आप साथियों के सहयोग के बिना संभव नहीं है। अत:आप भी इस पुनीत कार्य में बढ़चकर सहभागी बने।
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