
नई दिल्ली I मणिपुर में हिंसा के बढ़ते हालात और आगजनी की घटनाओं को देखते हुए मुक्केबाज़ मैरी कॉम ने गुरुवार को कहा कि मेरा राज्य जल रहा है, उन्होंने साथ ही केंद्र सरकार से इस मामले में मदद मांगीI मैरी कॉम ने अपने ट्विटर हैंडल पर पीएम मोदी, अमित शाह और राजनाथ सिंह को टैग करते हुए मणिपुर के हालत पर उनका ध्यान केंद्रित कराया और उनसे एवं केंद्र सरकार से मदद की अपील कीI उन्होंने अपने ट्वीट में राज्य में हो रही आगजनी की तस्वीरें शेयर करते हुए कहा कि “मेरा राज्य मणिपुर जल रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह हमारी मदद करें I
उन्होंने अपने पोस्ट में कुछ न्यूज़ चैनल्स को भी टैग किया ताकि घटना की खबर दिखाई जाये और जल्द से जल्द मणिपुर के हालत पर काम किया जाये Iबता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बात कर राज्य के हालात का जायजा लिया हैI गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह से बात की और राज्य में स्थिति का जायजा लिया जहां आदिवासी समूहों द्वारा कई जिलों में रैलियां निकालने के बाद कानून व्यवस्था बाधित हुई हैI आरएएफ की कुछ कंपनियां राज्य में भेजी गई हैं, हालांकि, वहां स्थिति को संभालने के लिए पर्याप्त संख्या में सेना और अर्धसैनिक बल पहले से ही तैनात हैंI केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की कुल पांच टीमों को गुरुवार को हिंसा प्रभावित मणिपुर ले जाया गयाI
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आरएएफ टीम में 500 से अधिक कर्मी शामिल हैं, जो दंगा और हिंसा की स्थितियों को नियंत्रित करने में माहिर हैं। आरएएफ दंगा और भीड़ नियंत्रण स्थितियों से निपटने के लिए सीआरपीएफ की एक विशेष शाखा है.वहीं मणिपुर के कई जिलों में जनजातीय समूहों द्वारा रैलियां निकालने के बाद बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार ने पांच दिनों के लिए मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया है. इसके अलावा आठ जिलों में बुधवार को कर्फ्यू लगा दिया गया थाI
ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर (एटीएसयूएम) द्वारा चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता रैली’ के दौरान इंफाल घाटी में हिंसा भड़क गईI बता दें कि मणिपुर हाई ने हाल ही में राज्य सरकार को अनुसूचित जनजाति वर्ग में मेइतेई को शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया है, जिसके कारण अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों में नाराजगी है और इसी कारण से ये विरोध प्रदर्शन हो रहे हैI