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किरेन रिजिजू कानून मंत्री के पद से हटाए गए, विपक्ष ने कसा तंज

अर्जुन राम मेघवाल को मिली जिम्मेदारी,रिजिजू को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय सौंपा जाएगा।

नई दिल्ली। साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के कैबिनेट में बड़ा बदलाव हुआ है। किरेन रिजिजू अब कानून मंत्री नहीं होंगे। उनकी जगह अर्जुन राम मेघवाल को नया कानून मंत्री बनाने का फैसला किया गया है। रिजिजू को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय सौंपा जाएगा।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी मंत्रिमंडल में बदलाव को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति भवन की ओर से एक बयान जारी कर कैबिनेट में बदलाव की जानकारी दी गई।केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे थे। मेघवाल वर्तमान में संसदीय कार्य राज्यमंत्री और संस्कृति राज्यमंत्री हैं। राष्ट्रपति भवन के बयान के अनुसार, मेघवाल को उनके मौजूदा विभागों के अतिरिक्त कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है।

अरुणाचल पश्चिम लोकसभा सीट से सांसद रिजिजू को 2021 में कैबिनेट विस्तार के दौरान कानून मंत्री बनाया गया था। उनसे पहले रविशंकर प्रसाद कानून मंत्री थे। रिजिजू ने 2004 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत हासिल करने में कामयाब रहे। वह अरुणाचल पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बने थे। हालांकि, 2009 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

इसके बाद 2014 में चुनाव में जीत के बाद उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में गृह राज्य मंत्री बनाया गया था। साल 2019 में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पहले दो साल के लिए उन्हें खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था।किरेन रिजिजू को कानून मंत्री के पद से हटाए जाने पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर कहा, ‘किरण रिजिजू अब कानून नहीं भू विज्ञान मंत्री हैं। कानूनों के पीछे के विज्ञान को समझना आसान नहीं है। वे अब विज्ञान के नियमों से जूझने की कोशिश करेंगे। गुड लक मेरे दोस्त।

वहीं, शिवसेना प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने बिना किसी का नाम लिए ट्वीट किया, ‘क्या महाराष्ट्र के फैसले की शर्मिंदगी के कारण या मोदानी-सेबी जांच को लेकर ऐसा किया गया? कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा, ‘पिछले कुछ समय से कानून मंत्री के तौर किरेन रिजिजू द्वारा जजों की नियुक्ति और अदालतों के काम करने के तौर तरीकों को लेकर की जा रही टिप्पणियों और हस्तक्षेप ने मोदी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थीं, सरकार ने अपनी छवि बचाने के लिए अपने कानून मंत्री की बलि देकर अच्छा किया।

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