
लखनऊ। ज्येष्ठ माह के दूसरे बड़े मंगल के पावन पर्व पर गर्ग परिवार की ओर से विजयश्री फाउंउेशन-प्रसादम के माध्यम से लोहिया इंस्टीट्यूट में कैंसर व असाध्य रोगों से पीड़ित नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा करके मानव सेवा का मिशन आगे बढ़ाते हुए नर सेवा नारायण सेवा का विचार सार्थक किया गया।
विजयश्री फाउंउेशन-प्रसादम कार्यकारिणी का अहम हिस्सा गर्ग परिवार असहायों की भोजन सेवा में अपना सतत योगदान करता रहता है। आपके द्वारा पहले बड़े मंगल पर भी असहायों की भोजन सेवा की गई थी और आपने आज दूसरे बड़े मंगल पर भी भोजन सेवा से सेवा की जोत जलाये रखी।
आज ज्येष्ठ माह के दूसरे बड़े मंगल के अवसर पर समस्त गर्ग परिवार ने अपने सहयोग से इस पुनीत कार्य को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान किया जिससे अपने परिजनों का इलाज कराने आये नि:शक्त तीमारदारों को भोजन प्रसाद ग्रहण करने का सौभाग्य मिला।
इस बारे में फूडमैन विशाल सिंह बताते है कि समाज और संसार में दया ही श्रेष्ठ धर्म है। अगर अपने से दीन-हीन, असहाय, अभावग्रस्त, आश्रित, वृद्ध, विकलांग, जरूरतमंद व्यक्ति पर दया दिखाते हुए उसकी सेवा और सहायता न की जाए, तो समाज भला कैसे उन्नति करेगा?
उन्होंने कहा कि आप अगर किसी भूखे इंसान की भोजन सेवा करते है तो इससे मिलने वाली खुशी का एहसास अनमोल होता है। भूखे को भोजन देना, प्यासे को पानी पिलाना ही सच्ची मानवता है। सच तो यह है कि सेवा ही असल में मानव जीवन का सौंदर्य और श्रृंगार है।
फूडमैन विशाल सिंह के अनुसार ज्येष्ठ माह के प्रत्येक मंगलवार को बड़ा मंगलवार या बुढ़वा मंगल के रूप में मनाया जाता है। आज यानी 16 मई को दूसरा बड़ा मंगल है। ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को बुढ़वा मंगल इसीलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन राम भक्त हनुमान के वृद्ध स्वरूप की पूजा की जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो भी भक्त हनुमान जी की विधि विधान से पूजा-अर्चना करते हैं, उनके हर संकट टल जाते हैं और उनकी इच्छा जल्दी ही पूरी हो जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बुढ़वा मंगल का संबंध रामायण और महाभारत से जुड़ा है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत काल में एक बार भीम को अपनी शक्तियों पर बहुत घमंड हो गया था और वो अपने आगे सबको तुच्छ समझने लगे थे। उनका घमंड खत्म करने के लिए हनुमान जी ने बूढ़े वानर का रूप धारण कर युद्ध में भीम को हराया था जिससे भीम को अपनी गलती का एहसास हुआ था। इसके चलते आज के दिन को बुढ़वा मंगल कहा जाता है।
फूडमैन विशाल सिंह ने दूसरे बड़े मंगल के शुभ अवसर पर गर्ग_परिवार द्वारा किए गए इस सेवा कार्य के लिए उनका आभार व अभिनंदन जताते हुए परमपिता परमात्मा, मां अन्नपूर्णा एवं मां लक्ष्मी से समस्त गर्ग परिवार की सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य, यश, कीर्ति एवं दीर्घायु की मंगल कामना की।
उन्होंने इस अवसर पर अपील की कि नर सेवा नारायण सेवा का यह पुनीत मिशन समाज के प्रबुद्ध जनों के सहयोग से ही संभव नहीं है। अत:आप भी इस पुनीत कार्य में बढ़चकर सहभागी बने।
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फूडमैन ने कहा कि आज विजयश्री फाउंडेशन प्रसादम सेवा के माध्यम से लखनऊ के 3 अस्पताल मेडिकल कॉलेज लखनऊ, बलरामपुर अस्पताल लोहिया संस्थान लखनऊ में दोपहर के समय लगभग 1000 निःशक्त तीमारदारों को निःशुल्क भोजन सेवा की जाती है।
बताते चले कि विजयश्री फाउंडेशन- प्रसादम सेवा लगातार 15 वर्षों से अस्पतालों में अपने परिजनों का इलाज कराने आने वाले नि:शक्त तीमारदारों, जरूरतमंद लोगों की सेवा कर रही है जिसके चलते विशाल सिंह को फ़ूडमैन की उपाधि मिली है।
उनके द्वारा अस्पताल में आधुनिक रैन बसेरों का भी संचालन किया जा रहा हैं जहां तीमारदारों को एक छत के नीचे भोजन और रात गुजारने का आश्रय मिलता है। यह मानवीय कार्य फूडमैन विशाल सिंह की विचारधार से प्रेरित लोगों के हृदय में पनप रहा है।
कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दोरान फूडमैन विशाल सिंह द्वारा राहत एवं आपदा आयुक्त कार्यालय, जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, यूपी रोडवेज, आयुष विभाग नगर निगम के साथ मिलकर साढे़ सात लाख से से अधिक जरूरतमंद लोगों को भोजन एवं आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई गई थी।
इसी के साथ महामारी की दूसरी लहर में जिला प्रशासन ने डीआरडीओ अटल बिहारी वाजपेई कोविड अस्पताल, हज हाउस कोविड-19 हस्पताल में तीमारदारों, मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारी सुरक्षा कर्मचारी आदि की निःशुल्क भोजन सेवा की जिम्मेदारी बखूबी निभाई।