
नई दिल्ली: अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए यूपी सरकार से हत्या की जांच की स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. इसके साथ ही इस हत्या से पहले हुए असद के एनकाउंटर पर भी यूपी सरकार से हलफनामा मांगा है.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में तीन हफ्ते में सुनवाई के लिए कहा है. जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच सुनवाई करेगी.
खूंखार गैंगस्टरों के मारे जाने की शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता वाली स्वतंत्र समिति से जांच कराने की याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने ये भी कहा कि अतीक और अशरफ अहमद को एंबुलेंस में अस्पताल के गेट तक क्यों नहीं ले जाया गया और उनकी परेड क्यों कराई गई.
सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की बेंच ने यूपी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमने ये घटना टीवी पर देखी है. दोनों को अस्पताल में सीधे एंबूलेंस से क्यों नहीं ले जाया गया.
उन्होंने इस बार पर भी अचरज जताया कि न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की बेंच ने यह भी पूछा कि शूटर्स को कैसे पता चला कि अतीक और अशरफ को मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाया जा रहा है.
इसके साथ सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ये भी पूछा कि विकास दुबे एनकाउंटर के बाद पुलिस कामकाज को लेकर जस्टिस बी एस चौहान की रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की है.
इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा कि हमने जांच के लिए दो-दो पूर्व चीफ जस्टिस का आयोग बनाया है. इस मामले में यूपी सरकार ने तेजी से काम किया है.
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अदालत ने योगी आदित्यनाथ सरकार को प्रयागराज में मोती लाल नेहरू अस्पताल के पास 15 अप्रैल को हुई शूटिंग की जांच के लिए अब तक उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देते हुए एक व्यापक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया.
पीठ ने कहा कि हलफनामे में पहले हुई घटनाओं के संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में भी बताना होगा और न्यायमूर्ति डॉ चौहान आयोग की रिपोर्ट के अनुसार क्या कदम उठाए गए, इसके बारे में भी जानकारी देनी होगी. यूपी सरकार तीन सप्ताह के बाद इन्हें सूचीबद्ध कर सकती है.
बताते चले कि अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करते हुए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच की मांग हुई है.
दूसरी ओर वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर 2017 से उत्तर प्रदेश में अब तक हुए 183 एनकाउंटर की जांच सुप्रीम के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक्सपर्ट कमेटी से कराने की मांग की है. बताते चले कि माफिया अतीक अहमद और अशरफ अहमद की प्रयागराज में 15 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के पास हुई इस घटना में दोनों को 10 से अधिक गोली मारी गई थीं. इस मामले में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके पहले 14 अप्रैल को यूपी एसटीएफ ने अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम को एनकाउंटर में मार गिराया था.