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LAC : भारतीय सेना से खुफिया जानकारी साझा कर रही अमेरिकी सेना

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन में क्षेत्रीय मुद्दों को देखने वाले पूर्व अधिकारी विक्रम सिंह ने बताया कि पीएलए आम तौर पर जांच और परीक्षण के चरण में है

चीन और ताइवान  के बीच लम्बे समय से तनाव का माहौल है. वही चीन का अपने पड़ोसी देशों के साथ भी कटु संबंध लगातार बना हुआ है. वही कई मौके पर  भारत- चीन की सीमा यानि एलएसी (LAC) पर दोनों देशों के सेना के बीच झड़प से भी तनाव के हाल बन गए है.

वही अमेरिका और भारत के बीच रिश्ते  के चलते अमेरिकी सेना अब भारतीय सेना से  खुफिया जानकारी भी  साझा कर रही है. इसके चलते चीनी सेना को भारतीय फौज  एलएसी पर पीछे ढकेलने में सफल रही थी.

ये मामला पिछले साल दिसंबर में चीन के साथ अरुणाचल प्रदेश में हुए सीमा संघर्ष के बाद का है. एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल अरुणाचल प्रदेश में हुई मुठभेड़ की  मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी सरकार ने पहली बार चीनी पोजीशन और फोर्सेज की ताकत के बारे में  भारतीय समकक्षों को रीयल टाइम जानकारी दी थी.

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इस खुफिया रिपोर्ट में  चीनी सेना की मौजूदगी, उनकी वास्तविक स्थिति, तादाद और हथियार से सबंधित सूचनाएं थी. इसमें  भारत को हाई क्वालिटी की सैटेलाइट तस्वीरें भी मिली थी जिसके चलते चीन को अपनी आक्रामक नीति पर फिर से सोचना पड़ा था.

रिपोर्ट के अनुसार ऐसा पहली बार हुआ है, जब अमेरिका ने इतनी जल्द दूसरे देश से संबंधित खुफिया जानकारी भारत को दी. इसके साथ ही ये भी दावा है कि चीन को बातचीत की मेज पर लाने के पीछे भारत को बड़े पैमाने पर मिल रही विदेशी मदद का भो रोल था.

वही कार्रवाई करने योग्य सैटेलाइट इमेजरी अमेरिकी सेना ने से भारतीय सेना को सीधे तौर पर भेजी थी.  इससे पहले खुफिया जानकारियों को कई चैनलों के माध्यम से जानकारी भारत को भेजी थी जिसमें काफी समय लगता था.

इस बारे में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन में क्षेत्रीय मुद्दों को देखने वाले पूर्व अधिकारी विक्रम सिंह ने बताया कि पीएलए आम तौर पर जांच और परीक्षण के चरण में है.

वह जानना चाहता है कि भारत कैसे प्रतिक्रिया देता है और क्या करता है. अब यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस थिंक टैंक के साथ काम कर रहे विक्रम सिंह ने इसे  चीन के साथ भविष्य के संघर्ष की तैयारी का हिस्सा बताया.

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