
दुनिया रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे तनाव से परेशान है. वही इसके साथ चीन और ताइवान के बीच लगातार चल रहे तनाव ने भी परेशानी बढ़ा दी है. इस बीच कम से कम 26 चीनी सैन्य विमान और नौसेना के चार पोत की ताइवान में घुसने से हड़कंप मच गया. इस बात की पुष्टि खुद ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने की है.
ताइवान के मीडिया ने ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 26 विमान ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में देखे गए.
इनमें से चार चेंगदू जे-10 लड़ाकू विमान, 4 शेनयांग जे-16 लड़ाकू विमान, एक सीएच-4 ड्रोन और एक हार्बिन बीजेडके-005 ड्रोन ताइवान स्ट्रेट मीडियन लाइन पार कर गए. हार्बिन के एक अन्य ड्रोन ने ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र के दक्षिणी किनारे पर उड़ान भरी.
दूसरी ओर एडीआईजेड के दक्षिण-पश्चिम कोने में दो शेनयांग जे-16 लड़ाकू विमान, एक शानक्सी वाई-8 पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान और एक बीजेडके-007 ड्रोन दिखे, ताइवान न्यूज के अनुसार एडीआईजेड़ के दक्षिण-पूर्व हिस्से में हार्बिन जेड-9 पनडुब्बी रोधी हेलीकॉप्टर भी दिखा.
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इसके जवाब ने ताइवान ने अपने विमान, नौसैनिक नौकाएं और मिसाइलें भेजीं. वैसे चीनी सैन्य जहाज, मछली पकड़ने वाले जहाज और रेत ड्रेजर की नियमित रूप से ताइवान के जल क्षेत्र में घुसपैठ होती रहती है. रक्षा विश्लेषक इसे ग्रे जोन स्ट्रेटजी कहते हैं जिसका उद्देश्य ताइवान के लोगों और सरकार को सतर्क करना होता है.
बताते चले कि चीन ने इसी माह अब तक ताइवान में 67 नौसैनिक जहाजों और 266 सैन्य विमान भेजे है, बीजिंग सितंबर 2020 से ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र के अंदर नियमित रूप से विमान भेज रहा है ताकि बल का सहारा लिए बिना सुरक्षा के उद्देश्य हासिल कर लिए जाए.