राज्यहेल्थ
Trending

बोले विशेषज्ञ – नए इन्फ्लूएंजा H3N2 वायरस के 5 फीसदी केस में अस्पताल में भर्ती होने की नौबत

इस वायरस के लिए सबसे कमजोर समूह मौसमी इन्फ्लूएंजा से प्रभावित बच्चे और इसके समान रोग वाले के लिए बच्चे

नई दिल्ली. कोरोना महामारी की भले ही रोकथाम कर ली गयी है लेकिन उसके बाद बीच -बीच में  वायरस होने वाली बीमारियों की दस्तक से लोग परेशान हो जाते है. अब लोग नए इन्फ्लूएंजा H3N2 वायरस की  आमद से खौफ में है. H3N2 वायरस के मामले तेजी से बढ़ने के साथ इससे हुई दो मौत से लोग दहशत में आ गए लगते है.

विशेषज्ञों ने कहा – नए इन्फ्लूएंजा H3N2 वायरस का प्रकोप सामान्य

हालांकि विशेषज्ञों की राय के अनुसार इस वायरस से सामान्य हालत में जीवन को कोई खतरा नहीं होगा. इसके साथ ही वायरस के प्रकोप को सामान्य  बताया है.विशेषज्ञों  से जानकारी मिली है कि सिर्फ 5 फीसदी  मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की रिपोर्ट है.

विशेषज्ञों ने कहा कि वायरस के खिलाफ  कोविड के दौरान अपने गई सावधानियों को अपनाने की  दरकार है और अभी इस वायरस से घबराने की कोई बात  नहीं है. इसके पैटर्न पर सरकार ने रिपोर्ट दी है कि बड़ी संख्या में रोगियों में केवल बुखार और खांसी के लक्षण मिले है.

रिपोर्ट के अनुसार H3N2 सहित विभिन्न इन्फ्लूएंजा उपप्रकारों के देश में 9 मार्च तक कुल 3,038 मामले मिले  हैं.  इन्फ्लूएंजा के एक सामान्य प्रकार  के प्रकोप से  बच्चों में मामलों की संख्या बढ़ी है. इस वायरस के लिए सबसे कमजोर समूह मौसमी इन्फ्लूएंजा से प्रभावित बच्चे और इसके समान रोग वाले के लिए बच्चे हैं.

पढ़ें : बांदा के ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध जलापूर्ति की जल्द होगी शुरुआत

वही इस वायरस के फैलने के चलते अस्पताल में भर्ती होने की संख्या बढ़ गई है. देश में H3N2 सहित विभिन्न इन्फ्लूएंजा के चलते हुई मौत का कर्नाटक और हरियाणा में एक-एक केस हुई.

दूसरी ओर  भारत में इन्फ्लूएंजा A (H1N1pdm09), इन्फ्लुएंजा A (H3N2) और इन्फ्लुएंजा B (विक्टोरिया) की पहचान हुई है जो H3N2 प्रमुख उपप्रकार है जिसके चलते ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती किये गए  हैं. बताते चले कि  ‘H3N2 एंटीजेनिक ड्रिफ्ट को एक हल्का म्यूटेशन बताया है जो जीवन के लिए खतरा नहीं है.

वैसे किसी  वायरस से कमजोर ग्रुप को खतरा होने पर  मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है. H3N2 के खिलाफ वैक्सीन का प्रभाव कम है और वैसे भी इस साल वैक्सीनेशन कम है.’

हालांकि क्या इस वायरस से  संभवतः एक और कोविड महामारी हो सकती है. इस बारे में पल्मोनोलॉजिस्ट अनुराग अग्रवाल ने अपनी राय दी कि बड़े पैमाने पर लहर देखने की उम्मीद नहीं है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button