ईडी ने मांगी रिमांड, मनीष सिसोदिया की जमानत पर अब 21 मार्च को सुनवाई
ईडी के अनुसार होलसेल बिजनेस कुछ निजी लोगों को मिला. होलसेलर को मिला 12 फीसदी प्रॉफिट मार्जिन एक्सपर्ट कमेटी की राय से अलग था

नई दिल्ली। शराब घोटाला मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई के बाद अब ईडी ने भी मोर्चा खोल दिया है. इस मामले से जुड़े मनी लांड्रिंग के पहलू के चलते प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सिसोदिया को गुरुवार को हिरासत में ले लिया था.
वही इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग केस कनेक्शन में मनीष सिसोदिया की रिमांड पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. अब उनकी जमानत पर 21 मार्च को सुनवाई होगी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ईडी की ओर से रिमांड की अर्जी पर कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने जानकारी दी कि शराब की बिक्री का लाइसेंस देने में तय व्यवस्था का भी उल्लंघन हुआ. इसमें कार्टेल बनाकर चुनिंदा लोगों को लाभ दिया गया. आरोपी से जुड़े सीए ने भी कई बातों की जानकारी दी.
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ईडी के अनुसार सिसोदिया ने जांच में सहयोग नहीं किया. वही जज ने सवाल पूछा कि आप कैसे कह सकते हैं कि 12 प्रतिशत प्रॉफिट मार्जिन की सिफारिश जीओएम ने की थी. इस पर ईडी का जवाब था कि एक्साइज कमिश्नर व कुछ और लोगों ने यह बताया है. सेक्रेट्री के बयान से भी इसकी पुष्टि हुई है.
ईडी के अनुसार होलसेल बिजनेस कुछ निजी लोगों को मिला. होलसेलर को मिला 12 फीसदी प्रॉफिट मार्जिन एक्सपर्ट कमेटी की राय से अलग था.
इस पर जज ने पूछा कि प्रॉफिट मार्जिन कितना होना चाहिए. तो ईडी के वकील ने बताया कि यह 6 फीसदी होना चाहिए. हमारे पास इस बात की सामग्री है कि ऐसा गिरफ्तार आरोपी (सिसोदिया) के कहने पर हुआ इसलिए सिसोदिया की रिमांड जरूरी है.