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चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को लेकर हुई चर्चा

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के सम्बन्ध में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत यूजीसी द्वारा प्रेषित पाठ्यक्रमों के पुनर्गठन के लिए कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय द्वारा गठित समिति की बैठक आहूत की गयी।समिति द्वारा आयोजित बैठक मे वर्तमान में संचालित पाठ्यक्रमों के पुनर्निक्षण के बाद यूजीसी के प्रेषित क्रेडिट ढ़ाचे के तहत पुनरावलोकन किया गया।

सदस्यों द्वारा मुख्य रूप से चार वर्ष के सामान्य आनर्स कोर्स एवं शोध आनर्स पर विस्तृत चर्चा करने के उपरान्त विविध सेमेस्टरों में चलने वाले कोर्स में मेजर, माइनर, अन्तर-विषयक, एबेलिटी एवं स्किल इनहेंसमेंट के साथ-साथ वेल्यू एडेड कोर्सेस में निर्धारित क्रेडिटों की संख्या पर चर्चा हुयी। इसके साथ ही बैठक मे इंटरशिप, शोध-प्रोजेक्ट, डिसजेर्टेशन आदि पर भी विशेष रूप से चर्चा हुई। अधिष्ठाता अकादमिक प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया मीटिंग मे विभिन्न सेमेस्टरों में पढ़ाये जाने पाठ्यक्रमों के सभी स्तरों पर विशेष क्रेडिटों का प्रावधान किये जाने पर सभी सदस्यों द्वारा विचार व्यक्त किए।

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समिति की बैठक में वाणिज्य संकाय के अध्यक्ष प्रो. आरके महेश्वरी, कला संकाय के अध्यक्ष प्रो. अरविन्द अवस्थी, भूगर्भ विज्ञान विभाग के प्रो. विभूति राय, नेताजी सुभाष चन्द्र गर्ल्स पीजी कालेज के प्रधानाचार्या, आईटी पीजी कालेज के प्रधानाचार्या, व्यापार प्रशासन विभाग के प्रो. संगीता साहू तथा डीन अकादमिक प्रो. पूनम टण्डन उपस्थित रहीं।

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