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टेंडर  के खेल में फंसा विभाग, स्मार्ट मीटर की कमी से उपभोक्ता हुये परेशान 

मध्यांचल के बाद अब पूर्वांचल पश्चिमांचल व दक्षिणांचल के स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर जिन की दरें लगभग 9000 से 10000 के बीच आई है वह कैंसिल किए जाएं।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जहां 25000 स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर प्रदेश के उपभोक्ताओं के लिए संकट का कारण बना हुआ है। एक तरफ पूरे प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की भारी कमी है। तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार ऊर्जा मंत्रालय बिल्कुल भी यह नहीं चाहता कि मध्यांचल के बाद अब पूर्वांचल पश्चिमांचल व दक्षिणांचल के स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर जिन की दरें लगभग 9000 से 10000 के बीच आई है वह कैंसिल किए जाएं।

उत्तर प्रदेश में जो निजी घराने रुपया 6000 ऐस्टीमेटेड कॉस्ट के मीटर को 65 प्रतिशत तक अधिक दरों पर लेने की जुगत में लगे हैं उनकी सबकी पोल खुल जाएगी यह पूरे देश के सभी ऊर्जा सेक्टर को पता है कि सबसे पहले भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की सिंगल फेस व थ्री फेस की कास्ट रुपया 6000 प्रति मीटर बेंच मार्क है। अब जब देश के बडे निजी घरानों अदानी जीएमआर सहित इन टेलीस्मार्ट वह अन्य निजी धारा में के टेंडर ऊंची दरों पर आ गए।

तो सभी यह दबाव बनाने लगे कि ऐस्टीमेटेड कॉस्ट लगभग डेढ वर्ष पहले निकाली गई थी अब उसमें कुछ इजाफा हुआ होगा इसलिए टेंडर को लाइफ साइकिल के अनुसार डिसाइड करना चाहिए । बहुत ज्यादा उच्चतर नहीं दिख रही है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा इसी बीच केरला सरकार ने अपने राज्य में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के उच्च दर के बवाल को लेकर एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई और पूरे मामले पर अध्ययन कराया है।

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अंतत: फरवरी 2023 के दूसरे सप्ताह में केरला स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दर को लेकर एक बडा आदेश जारी किया केरला स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ने सभी पहलुओं का अध्ययन करने के बाद यह पाया कि उनके यहां जो 37लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर का पहला कलस्टर का टेंडर निकाला जाएगा वह न्यू टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा।

वही, उत्तर प्रदेश में एनर्जी एफिशिएंसी प्राइवेट लिमिटेड जो पूर्व में 50 लाख स्मार्ट मीटर का टेंडर ली थी वह भी मीटर लगाना बंद कर दी है और भागने के लिए तैयार बैठी है। जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता भुगत रही है। बडी संख्या में उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर की कमी हो गई है और वही पुरानी तकनीकी के उपभोक्ताओं के घरों में लगे 12लाख स्मार्ट मीटर को अभी तक एनर्जी एफिशिएंसी लिमिटेड ने उसे 4जी में कन्वर्ट नहीं किया। ऐसे में उसे तत्काल ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही की जानी चाहिए।

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