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यूपी में बख्शे नहीं जायेंगे अपराधी, नकेल कसने की कार्रवाई तेज

प्रयागराज में हुए उमेश पाल की सार्वजनिक हत्याकांड में लिप्त कई शूटरो को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया और यह साबित किया कि यूपी में अपराध करने वालो को छोड़ा नहीं जाएगा

लखनऊ। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार व अपराधियों पर नकेल कसने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

इसी के तहत प्रयागराज में हुए उमेश पाल की सार्वजनिक हत्याकांड में लिप्त कई शूटरो को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया और यह साबित किया कि यूपी में अपराध करने वालो को छोड़ा नहीं जाएगा। अपराध की घटनाओं को अंजाम देने वालो का एनकाउंटर होगा और उनकी पूरी संपत्ति कुर्क की जाएगी।

168 कुख्यात अपराधियों को किया गया नेस्तानाबूद

सूबे में योगी सरकार बनने के साथ ही बड़ी संख्या में अपराधियों का खात्मा हुआ। 2017 से अबतक करीब 168 कुख्यात अपराधियों को नेस्तानाबूद किया गया। साथ ही 22234 अपराधी पकड़े गए।

हालांकि अपराधियों के साथ हुए मुठभेड़ में 1375 पुलिस कर्मी घायल हुए जबकि 13 पुलिस कर्मियों ने अपनी जान गवाई है। प्रदेश में पुलिस प्रशासन की कार्रवाई से अपराध के ग्राफ में गिरावट हुई और आम लोगों में भय कम हुआ।

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अपराध के नाम पर खौफ पैदा करने वाले बड़े बड़े अपराधियों को पुलिस एनकाउंटर में ढेर किया गया। साल 2017 में 50 हजार का इनामी अपराधी मंसूर पहलवान का एनकाउंटर हुआ ।

इसी के साथ ही अपराधियों पर नकेल कसने की कार्रवाई शुरू हुई । इन तमाम एनकाउंटर में से एक 5 लाख का इनामी बदमाश कानपुर के विकास दुबे का नाम भी शामिल था।

एनकाउंटर पर मानवाधिकार आयोग ने उठाए सवाल

प्रदेश में एनकाउंटर की कार्रवाई से भले ही अपराध में कमी आयी हो लेकिन कई ऐसे फर्जी एनकाउंटर में आम लोगों ने भी अपनी जाने गवाई है।

पिछले साल गृह मंत्रालय ने एनकाउंटर पर रिपोर्ट जारी किया। छत्तीसगढ़ के बाद सबसे ज्यादा यूपी में एनकाउंटर हुए। रिपोर्ट के अनुसार कई निर्दोष लोगों की जाने गई। इस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग ने भी पुलिस को नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी।

एनकाउंटर पर विपक्ष ने भी उठाए सवाल

प्रदेश में एनकाउंटर की घटनाओं पर विपक्ष ने लगातार सवाल खड़े किए। कांग्रेस, बीएसपी या फिर समाजवादी पार्टी हो। राज्य में हो रहे एनकाउंटर को फर्जी बताया और कानून व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े किए।

सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दावा किया कि प्रदेश में जितने भी एनकाउंटर हुए उनमें ज्यादातर फर्जी और निर्दोष लोगों की जाने गई। खुद मानवाधिकार आयोग ने इसका संज्ञान लिया और कानून व्यवस्था खराब होने का संकेत दिया।

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