
केंद्र सरकार द्वारा जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. इस मामले में 14 राजनीतिक दलों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को रजामंदी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर पांच अप्रैल को सुनवाई करेगा। ये मामला पिछले काफी समय से सियासत का विषय बन गया है।
हाल ही में कई राजनीतिक दलों के खिलाफ सीबीआई से लेकर ईडी तक का शिकंजा कस गया है। इसमें कई मामलों में विपक्षी दलों के नेताओ के दायरे में आ गये है। इसमें लालू यादव से लेकर मनीष सिसोदिया पर सीबीआई और ईडी के शिकंजे में है।
इस मामले में राजनीतिक दलों का आरोप है कि सरकार को उनके साथ जानबूझकर ऐसा कर रही है। इस मुद्दे के चलते कांग्रेस सहित 14 विपक्षी दलों ने याचिका दायर कर केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का रोप लगाया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राजनीतिक विरोधी गिरफ्तार किये जा रहे है।
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ऐसे में विपक्षी दलो की मांग है कि जांच एजेंसियों और अदालतों के लिए गिरफ्तारी और रिमांड पर गाइडलाइन बने। याचिका दायर करने वालों में कांग्रेस, डीएमके, आप, टीएमसी, बीआरएस जैसे दल है।
सुप्रीम कोर्ट में अभिषेक सिंघवी ने सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ को बताया कि राजनीतिक विरोधियों को गिरफ्तार करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कानून लागू करने वाली एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ चौदह राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
हम भविष्य के लिए दिशा-निर्देश मांग रहे हैं। 2014 के बाद (मोदी सरकार के तहत) मामले दर्ज में भारी उछाल हुआ है जबकि सजा की दर मात्र 4-5 फीसदी है।