यूपी के आलू किसानों को बड़ी राहत, अब इस रेट पर की जाएगी खरीद
योजना के पहले चरण में उन्नाव, कौशांबी, फर्रुखाबाद, बरेली, मैनपुरी, कासगंज और एटा यानी 7 जिलों में आलू क्रय केंद्र स्थापित कर खरीद शुरू करने का निर्देश है जो किसानों के लिए बड़ी राहत कहा जा रहा है

आलू की अच्छी पैदावार से किसानों को मुनाफे की जगह दाम गिरने से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए योगी सरकार ने बड़ी पहल की है. अब यूपी के आलू किसानों से 650 रुपए प्रति क्विंटल की दर से आलू की खरीद होगी.
इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हाफेड) पहले चरण में सात जिलों में क्रय केंद्र चालू करेगा. इसके साथ ही सरकार आलू के भंडारण को लेकर प्रदेश के कोल्ड स्टोरेज संचालकों को ताकीद की गयी है कि भंडारण में किसानों को कोई समस्या न हो.
इसमें सरकार बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत उचित गुणवत्ता के आलू की खरीद करेगी. रिपोर्ट के अनुसार इस साल 6.94 लाख हेक्टेअर भू-भाग में आलू की बोआई होने से इस बार पैदावार 242 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा होने का अनुमान है.
इसके चलते आलू की अच्छी पैदावार से किसानों को ज्यादा मुनाफे की जगह दाम गिरने से घाटे का सामना करना पड़ रहा है. दूसरी ओर आलू रखने के लिए कोल्ड स्टोरेजों में जगह नहीं मिलने पर आवक सीधे मंडियों में होने लगी जिससे कीमतें काफी ज्यादा गिर गईं है.
इसके साथ ही आलू की अगैती फसल के कम होने की भी इसका जिम्मेदार कहा जा रहा है. इस योजना के पहले चरण में उन्नाव, कौशांबी, फर्रुखाबाद, बरेली, मैनपुरी, कासगंज और एटा यानी 7 जिलों में आलू क्रय केंद्र स्थापित कर खरीद शुरू करने का निर्देश है जो किसानों के लिए बड़ी राहत कहा जा रहा है.
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पहले चरण में उत्तर प्रदेश औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हाफेड) को प्रदेश के 7 जिलों में क्रय केंद्र स्थापित करने का आदेश दिया गया है. हालांकि इस फैसले की सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने आलोचना की है. उन्होंने अपने ट्वीट में न्यूनतम मूल्य 1500 रुपए प्रति पैकेट करने की मांग की.
उन्होंने लिखा-‘सरकार का 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से आलू खरीदने का फरमान नाकाफी है श्रीमान. 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बीज खरीदने वाले किसान के लिए यह समर्थन मूल्य मजाक है. सरकार को न्यूनतम 1500 रुपए प्रति पैकेट की दर से आलू की खरीद करनी चाहिए, कम से कम लागत तो दे दो सरकार.’
इसके अलावा सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी यूपी सरकार के आलू खरीद पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब आलू ही 2024 लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त दिलाएगा.
उन्होंने भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाते हुए बीजेपी पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार में अन्नदाताओं का हर कदम पर शोषण हो रहा है. उन्होंने भी अपने चाचा व राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव की तरह समर्थन मूल्य 1500 रुपए प्रति कुंतल पर आलू की खरीद की मांग की.