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योगी सरकार का बड़ा एक्शन, जेसीबी ड्राइवर गिरफ्तार, एसडीएम व लेखपाल निलंबित 

कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाते समय जेसीबी से गिराए छप्‍पर में आग लगने से  जिंदा जल गई थी मां-बेटी 

कानपुर देहात :  कानपुर देहात में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान  पर घर गिराने की कार्रवाई के दौरान खुद को कमरे में बंंद करने वाली मां-बेटी के अचानक झोपड़ी में आग लग जाने के चलते मौत हो गई। सोमवार को हुई इस घटना में   बाप बेटा भी गम्भीर रूप से घायल हो गए थे।

वही इस घटना के बाद  लेखपाल अशोक चौहान अपनी गाड़ी छोड़कर सभी अधिकारियों के साथ मौके पर से भाग गए थे। इस मामले में  योगी सरकार ने कड़ा एक्‍शन लिया है। रिपोर्ट के अनुसार प्रथम दृष्‍टया जांच के बाद एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद और लेखपाल अशोक सिंह सस्‍पेंड कर दिए गए है।

कानपुर हादसे में 38 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज, थाना प्रभारी हटाये गए

इसके साथ ही  कुल 38 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए थाना प्रभारी को हटा दिया गया है। दूसरी ओर जेसीबी ड्राइवर गिरफ्तार कर लिया गया है। वही  मंगलवार को स्‍थानीय लोगों ने घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया और घटना को लेकर गांव में खासा तनाव पसरा  है।

वही परिवारीजन और ग्रामीणों पांच करोड़ मुआवजे, सरकारी  नौकरी और जमीन के पट्टे की मांग कर रहे है और उन्होंने शव उठाने नहीं दिया जबकि दूसरे पक्ष के लोग गांव छोड़कर भाग गए हैं।  वही एहतियातन गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

फोटो : साभार गूगल

इस घटना पर दुख जताते हुए डिप्‍टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा है कि किसी को भी बख्‍शा नहीं जाएगा।   एक निजी चैनल को बातचीत में उन्‍होंने बताया कि अफसर हों या कर्मचारी, दोषी पाए जाने पर  सख्‍त से सख्‍त कार्रवाई होगी. इसके साथ ही निलंबन के अलावा दोषियों की गिरफ्तारी भी होगी।

दरअसल कल अतिक्रमण हटाते समय कानपुर देहात में झोपड़ी में आग लग गई थी। वही पीड़ितो ने आरोप लगाया कि जेसीबी से छप्पर गिराते समय  दब गईं मां-बेटी की जलने से दर्दनाक मौत हो गई।

रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को कानपुर देहात के रूरा थाने के मड़ौली गांव में एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद सहित  पुलिस और राजस्व कर्मी गए थे। इस दौरान गांव के कृष्ण गोपाल दीक्षित की झोपड़ी के पास लगे सरकारी हैंडपंप और मंदिर को तोड़ने के बाद उसकी झोपड़ी भी जेसीबी से ढहा दी गई थी।

इस दौरान छप्पर में आग लगने से पत्नी प्रमिला दीक्षित (उम्र 44 वर्ष) और बेटी नेहा ( उम्र 22 वर्ष) आग जिंदा जल गईं। वही कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से जल गए थे। हादसे के बाद वहां हंगामा हो गया और  एसडीएम, पुलिस, राजस्व और पुलिस कर्मी भाग गए थे।

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वही भीड़ ने लेखपाल अशोक चौहान की चार पहिया गाड़ी को पलट दिया और एसपी कानपुर देहात बाल-बाल बचे. ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची फायरबिग्रेड ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा सकी लेकिन तब तक में झोपड़ी के अंदर मां बेटी बुरी तरह से जलकर राख हो चुकी थी।

इसके बाद  अफसरों की छानबीन के बाद देर रात बेटे शिवम की तहरीर पर एसडीएम मैथा सहित 38 के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास, आग लगाने सहित कई गंभीर धाराओं में देर रात रूरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है और  लेखपाल पर आग लगाने और एसओ रूरा पर मारपीट का आरोप लगा है।

परिवारीजन कर रहे ये मांग, नहीं उठाने दिया शव

इस घटना के बाद ग्रामीणों और परिवारीजनों ने पांच करोड़ का मुआवजा, दोनों बेटों के नाम 5-5 बीघा जमीन का पट्टा देने, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मंगलवार को शव नहीं उठने दिया। सभी मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग कर रहे है.

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