
शिवसेना में बगावत के चलते बाल ठाकरे की बनाई हुई पार्टी अब पूरी तरह खत्म हो गयी है। दरअसल एकनाथ शिंदे गुट के अलग होने के बाद उनकी उद्धव ठाकरे से शिवसेना के पार्टी का निशान तीर कमान और नाम को लेकर लड़ाई चल रही थी।
इसमें अब चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका देते हुए अपने फैसले में एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और प्रतीक तीर कमान सौंप दिया है। यानि अब शिवसेना का नाम और पार्टी का निशान उद्धव ठाकरे उपयोग नहीं कर सकेंगे।
वही इस मामले में सबकी निगाह उद्धव ठाकरे पर है कि वो अब क्या करते है. अब मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिवसेना का नाम और चुनाव निशान चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को मिलने के बाद उद्धव ठाकरे चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट से जुड़े सूत्रों के अनुसार उद्धव गुट 20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगा। इसमें चुनाव आयोग के आदेश में तथ्यों को लेकर हुई गलतियों को लेकर फैसले को चुनौती देने की बात हो रही है।
उद्धव ठाकरे ने खुद चलाये जुबानी तीर
इससे पहले कल ठाकरे ने कहा था कि मैं शिंदे गुट को चुनौती देता हूं कि अगर वे मर्द हैं तो चोरी का ‘धनुष-बाण’ लेकर भी हमारे सामने आएं, हम ‘मशाल’ लेकर चुनाव लड़ेंगे।
बताते चले कि इस बारे में पार्टी की बैठक ठाकरे के निवास मातोश्री में हुई जिसमे पार्टी नेता और प्रवक्ताओं समेत शिवसेना उद्धव बालासाहेब गुट के सभी बड़े नेता शामिल हुए।
वही चुनाव आयोग के फैसले के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया तो संजय राउत ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया।
संजय राउत ने लगाया बड़ी डील का आरोप !
माझी खात्रीची माहिती आहे….
चिन्ह आणि नाव मिळवण्यासाठी आता पर्यंत 2000 कोटींचा सौदा आणि व्यवहार झाले आहेत…
हा प्राथमिक आकडा आहे आणि 100 टक्के सत्य आहे..
बऱ्याच गोष्टी लवकरच उघड होतील..
देशाच्या इतिहासात असे कधीच घडले नव्हते.. pic.twitter.com/3Siiro6O9b— Sanjay Raut (@rautsanjay61) February 19, 2023
ठाकरे गुट लगातार चुनाव आयोग के फैसले का विरोध कर रहा है। इसी बीच शिवसेना (यूबीटी) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए बड़ा आरोप लगाया कि उन्हें यकीन है चुनाव चिन्ह और नाम के लिए अब तक 2000 करोड़ के सौदे और लेन-देन हो चुके हैं।
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उन्होंने ट्वीट किया कि मुझे यकीन है…चुनाव चिन्ह और नाम हासिल करने के लिए अब तक 2000 करोड़ के सौदे और लेन-देन हो चुके हैं… यह प्रारंभिक आंकड़ा है और 100 फीसदी सच है..जल्द ही कई बातों का खुलासा होगा।