राजनीति

सरकार को ही सब ज्ञान है यह न हमारी सोच है न हमारा दावा : मोदी

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री मादी ने भारत को विनिर्माण हब बनाने का उल्लेख करते हुये कहा कि जीरो डिफेक्‍ट, जीरो इफेक्‍ट प्राथमिकता होनी चाहिए। क्‍वालिटी में कोई समझौता नहीं होना चाहिए और उसमें टेक्‍नोलॉजी बहुत मदद कर सकती है। टेक्‍नोलॉजी की मदद से प्रोडक्‍शन में बहुत बारीकियों तक बहुत ही फिनिश वे में प्रोडक्‍ट ले करके आ सकते हैं और तभी वैश्विक बाजार पर कब्जा किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा हमें इस बात को स्‍वीकार करना होगा कि 21वीं सदी टेक्‍नोलॉजी ड्रिवन है। जीवन में टेक्‍नोलॉजी का प्रभाव बहुत बढ़ने वाला है। हम सिर्फ अपने आप को इंटरनेट और डिजिटल टेक्‍नोलॉजी तक सीमित न रखे। उसी प्रकार से आज जैसे ऑप्‍टीकल फाइबर नेटवर्क गांव-गांव पहुंच रहा है। पंचायत तक पहुंचेगा, वेलनेस सेंटर पहुंचेगा, टेनी मेडिसन चलेगी, हेल्थ सेक्टर भी पूरी तरह टेक्‍नोलॉजी ड्रिवन हो रहा है। आज देश बहुत बड़ी मात्रा में जैसे डिफेंस में हम बहुत कुछ आयात करते हैं।

हम हेल्‍थ में भी बहुत कुछ आयात करते हैं। क्‍या मेरे देश के उद्योग जगत के लोग टेक्‍नोलॉजी में उन्नयन करके उस दिशा में नहीं जा सकते हैं। और इसलिए अब जैसे ऑप्टिकल फाइबर गांव-गांव पहुंच रहा है। जब तक प्राइवेट पार्टी सेवाएं लेने के लिए नहीं आती हैं, नए-नए सॉफ्टवेयर ले करके नहीं आतें हैं। सामान्‍य नागरिक उस ऑप्टिकल फाइबर से क्‍या सेवाएं ले सकता है, क्‍या फायदा उठा सकता है। उसके मॉडल को हम डेवलप कर सकते हैं। और हम सब कुछ में जन भागीदारी चाहते हैं।

पढ़े : वर्ष 2047 में विकसित राष्ट्र बनाने में प्रौद्योगिकी की महत्ती भूमिका : पीएम मोदी

उन्होंने कहा कि सरकार को ही सब ज्ञान है यह न हमारी सोच है न हमारा दावा है। और इसलिए सभी हितधाारकों से आग्रह है कि आप 21वीं सदी जो कि टेक्‍नोलॉजी ड्रीवन सदी है उसको हम जितना जल्‍दी फैलाएं, जितना जल्‍दी सरल बनाएं, जितना जल्‍दी जन सामान्‍य को सशक्त करने वाला बनाए, उतना देश का भी, लोगों का भी कल्‍याण होने वाला है और 2047 में विकसित भारत के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में टेक्‍नोलॉजी हमें बहुत बड़ी ताकत देती है। हम भाग्‍यवान है कि भारत के पास यह प्राकृतिक उपहार है।

उन्होंने कहा कि देश में दक्ष युवा हैं, कुशल मानवश्रम है। भारत के गांव के लोगों को भी टेक्‍नोलॉजी का एडप्‍शन की क्षमता बहुत बड़ी है। इसका फायदा उठाने पर विचार करने की अपील करते हुये उन्होंने कहा “मैं चाहता हूं कि आप लोग विस्‍तार से इसकी चर्चा करे, बारीकियों से चर्चा करें और जो बजट आया है उसका उत्‍तम से उत्‍तम आउट कम कैसे हो, उसका उत्‍तम से उत्‍तम लाभ लोगों तक कैसे पहुंचे। इस पर आपकी चर्चा जितनी गहन होगी, यह बजट सार्थक होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button