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स्वामी प्रसाद मौर्य ने RSS प्रमुख के बयान पर धार्मिक कट्टर पंथियों पर साधा निशाना

यह स्पष्ट हो गया की जात पात को पंडितों और संतो ने ही फैलाया है। वर्ण व्यवस्था को लेकर ज्योतिबाई फूले , बाबा साहब अम्बेडकर समेत अनेक लोगों ने समय समय पर प्रहार किया। 

 प्रशांत राव

लखनऊ प्रदेश में सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस की एक चौपाई को हटाए जाने के बयान पर शुरू विवाद में सपा और भाजपा नेताओं के साथ हिंदूवादी संगठनों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मामला शांत भी नहीं हो पाया कि कल संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती के अवसर पर RSS प्रमुख मोहन भागवत द्वारा बयान दिया गया की किसी भगवान ने जाती व्यवस्था नहीं बनाई बल्कि पंडित ने वर्ण व्यवस्था बनाई है, मोहन भागवत के इस बयान पर स्वामी ने कट्टर पंथियों पर फिर हमला बोला है।

स्वामी ने एक प्रेस कांफ्रेंस पर मोहन भागवत के बयान पर धार्मिक कट्टर पंथियों पर निशाना साधते हुए कहा जिससे यह स्पष्ट हो गया की जात पात को पंडितों और संतो ने ही फैलाया है। वर्ण व्यवस्था को लेकर ज्योतिबाई फूले , बाबा साहब अम्बेडकर समेत अनेक लोगों ने समय समय पर प्रहार किया।

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यदि किसी पुस्तक में या रचना में जाति सूचक शब्दो का प्रयोग कर शूद्रो को महिलाओं को अपमानित किया गया उसको हटाए जाना चाहिए। आज हम सभी भारतीय सविधान से संचालित होते है, उसमें कहा गया है की धर्म जाति वर्ण लिंग के आधार पर किसी को अपमानित नही किया जाना चाहिए।हमने सिर्फ उस अंश को निकलने के लिया कहा जिसमे शुद्र और महिलाओं का अपमान किया गया।

आगे स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा जिसको लेकर मेरा सिर और लिए , जुबान काटने का फरमान कई धर्माचार्यों, कट्टर पंथियों ने जारी किया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या आप लोगो में हिम्मत है तो RSS प्रमुख का भी सिर कटने के लिए और जुबान काटने के लिए कहेंगे।

आप लोग की सोच ने हिंदू धर्म को अपमानित किया है RSS प्रमुख ने कहा की भारत में जो भी रहता है वो हिंदू धर्म का है, लेकिन लोग हिन्दू धर्म को छोड़कर अन्य धम्म में गए है, अगर आप चाहते है की धर्म का सत्या नाश न हो तो इन चीजों को हटाना चाहिए, आपको हिंदू धर्म को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाना चाहिए।

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