
हाल ही में आरबीआई ने रेपो रेट आगे बढ़ाने की घोषणा की थी और केंद्रीय बैंक द्वारा लगातार छठी बार रेपो रेट को बढ़ाने से ये भी तय था कि लोन लेना और महंगा होगा। अब इसी दिशा में देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अपने अहम् फैसले में अपने ग्राहकों को झटका दे दिया है।
एसबीआई द्वारा सभी समयावधि के लिए अपने मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) में 10 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ा दिया गया है। बैंक की ये नई दरें 15 फरवरी से लागू होंगी जिससे बैंक से लोन लेना महंगा हो जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार एसबीआई ने ओवरनाइट एमसीएलआर दर 7.95 फीसदी बढ़ाई है। इसके अलावा एमसीएलआर दर 1 माह के लिए एमसीएलआर दर 8.10 फीसदी और 3 महीने के लिए 8.10 फीसदी बढ़ी है।
वहीं बैंक का 6 महीने के लिए एमसीएलआर दर 10 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 8.40 फीसदी, 1 साल के लिए एमसीएलआर 8.40 फीसदी से 8.50 फीसदी, 2 साल के लिए एमसीएलआर 8.50 फीसदी से 8.60 फीसदी और 3 साल के लिए एमसीएलआर 8.60 फीसदी से 8.70 फीसदी कर दिया गया है।
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ज्यादातर कंज्यूमर लोन एक साल के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट के आधार पर होते है। ऐसे में एमसीएलआर में बढ़ोतरी से पर्सनल लोन, ऑटो और होम लोन महंगे हो सकते हैं। अब आपको लोन लेने पर पहले से ज्यादा ईएमआई देनी होगी।
दरअसल एमसीएलआर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विकसित पद्धति है जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित करते हैं। उससे पहले सभी बैंक बेस रेट के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय करते थे।