रूस के हमले के एक साल, यूक्रेन के कई शहर हुए खंडहर, तीन लाख से ज्यादा की मौत
इस दौरान जिन तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत की चर्चा चल रही है. उनके बारे में दावा है कि इनमें सवा लाख के करीब यूक्रेन की सेना के जवान हैं तो दो लाख के करीब रूसी सैनिकों को भी मौत हो चुकी है, वही अब तक एक भारतीय छात्र सहित 44 विदेशी नागरिकों की भी मौत हो चुकी है.

रूस और यूक्रेन के बीच जंग के शुक्रवार को एक साल पूरे हो गए. फिर भी किसी सुलह या समझौते के आसार दूर-दूर तक नहीं है. वही इस त्य्द्ध की कीमत दोनों देश खूब चूका रहे है. हालांकि इसका खामियाजा यूक्रेन को खूब भुगतना पड़ रहा है.
दरअसल इस जंग में अब तक तीन लाख से अधिक की जान जा चुकी है और यूक्रेन के दर्जनों शहर खंडहर हो चुके है. वही लाखों की संख्या में लोग विस्थापित होने को मजबूर हुए है तो कई लोग अपने परिवार से दूर हो गए है तो कई लोग लापता चल रहे है.
इस दौरान जिन तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत की चर्चा चल रही है. उनके बारे में दावा है कि इनमें सवा लाख के करीब यूक्रेन की सेना के जवान हैं तो दो लाख के करीब रूसी सैनिकों को भी मौत हो चुकी है, वही अब तक एक भारतीय छात्र सहित 44 विदेशी नागरिकों की भी मौत हो चुकी है.
इन विदेशियों में सबसे ज्यादा 12 लोग ग्रीस के और आठ लोग अजरबैजान के हैं. वही रूस के हमले के विरोध में अमेरिका सहित कई देश यूक्रेन को सपोर्ट कर रहे है. जानकारी के अनुसार 80 से ज्यादा देश यूक्रेन को अलग-अलग तरह से मदद दे रहे है.
इनमे से 31 देशों ने यूक्रेन को घातक हथियार और मिसाइलें भी दी हैं. इसी कड़ी में जी-7 देशों के वित्त मंत्रियों ने गुरुवार को यूक्रेन के लिए इस समूह की ओर से आर्थिक सहायता बढ़ाकर 39 अरब डॉलर करने की घोषणा की है.
इसके साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मार्च तक यूक्रेन को नया वित्तीय पैकेज देने की अपील की गयी है ताकि उसे रूस के हमले के प्रभाव से बचने में मदद मिल सके. जी-7 देशों में में फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, कनाडा, जापान और अमेरिका हैं.

इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन सोमवार को यूक्रेन पहुंचकर राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की से मिले जबकि इससे पहले ब्रिटेन, फ्रांस सहित कई अन्य देशों के राष्ट्रपति और राष्ट्राध्यक्ष भी यूक्रेन का दौरा कर चुके हैं.
बताते चले कि इस युद्ध के चलते रूस का साथ दे रहे यूक्रेन के सात हजार से ज्यादा वे अलगाववादी नेता भी मारे जा चुके है. वही रूस व यूक्रेन दोनों तरफ के दो लाख से ज्यादा जवान व नागरिक लापता हैं. इस युद्ध के चलते यूक्रेन के लाखों लोगों ने आसपास के देशों में शरण ली है.
पढ़ें : रूस और यूक्रेन युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में ये प्रस्ताव हुआ पारित
यूक्रेन के दर्जनों शहर तबाह हो चुके हैं और इमारतें खंडहर हो गई हैं.. रूस ने अब तक यूक्रेन के मैरियूपोल, दोनेत्स्क, खेरसॉन, लुहांस्क पर पूरी तरह कब्जा कर लिया है. हालांकि रूस का माइकोलाइव और खारकीव पर भी कब्जा हो चूका था लेकिन यूक्रेनी सेना ने इन दोनों राज्यों पर वापस कब्जा कर लिया है.
वही कई राज्यों में रूस और यूक्रेन के बीच आक्रामक युद्ध में दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे के ऊपर घातक हमले कर रहे है. रूसी सैनिक इस समय उत्तर में आइजम और पश्चिम में सेवेरदोनेत्स्क से दो तरफ से हमले कर रहे है.