उत्तर प्रदेशएजुकेशन

 प्रबंधतंत्र से प्रस्वावित वार्ता करने पहुंचे लुआक्टा पदाधिकारियों को लटका मिला ताला

लुआक्टा अध्यक्ष मनोज पांडेय का कहना है कि महाविद्यालय के प्रबंध तंत्र द्वारा शिक्षिकाओं का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा था।

लखनऊ। नारी शिक्षा निकेतन महाविद्यालय के प्रबंध तंत्र से वार्ता करने के लिए पहुंचे लुआक्टा पदाधिकारियों को नारी सेवा समिति परिसर के दरवाजों पर ताला लगा मिला। इस पर मौजूद पदाधिकारियों ने प्रबंधतंत्र के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए धरने पर बैठ गये।

लखनऊ विश्वविद्यालय सम्बद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय ने बताया कि लुआक्टा कार्यकारणी की बैठक के निर्णय अनुसार नारी शिक्षा निकेतन महाविद्यालय, प्रबंधतंत्र से नियत समयानुसार लुआक्टा पदाधिकारी 12 बजे वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल के साथ नारी सेवा समिति परिसर में पहुंचे लेकिन दरवाजों पर ताले लगे मिले और कोई भी वार्ता के लिए उपस्थित नहीं मिला। प्रबंधक द्वारा पूर्व में लुआक्टा प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था।

उन्होंने बताया कि लुआक्टा को समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ कि वार्ता से पूर्व प्रबंधक द्वारा इस्तीफा दिया जा चुका है। जिसकी लिखित सूचना या वार्ता नहीं हो सकती, ऐसी कोई सूचना लुआक्टा को नहीं दी गयी।लुआक्टा अध्यक्ष मनोज पांडेय का कहना है कि महाविद्यालय के प्रबंध तंत्र द्वारा शिक्षिकाओं का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा था।

महाविद्यालय की शिक्षिकाओं को समय से वेतन आहरित नहीं किया जाता है। जानबूझकर दो माह दिसम्बर 22 एवं जनवरी 23 के वेतन का भुगतान रोक लिया गया और उनके प्रोन्नति की पत्रावली वेतन निर्धारण के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय प्रयागराज को प्रेषित नहीं की जा रही है, देय अवकाशों को नही दिया जा रहा है, नोटिस को दीवारों पर चस्पा कर शिक्षिकाओं को अपमानित किया जा रहा है।

प्रशानिक अधिकारी नवीन चंद्रा को आर्थिक लाभ पहुंचाया जा रहा है, और वे महिला शिक्षिकाओ से अभद्र भाषा में बात करते हैं तथा अशोभनीय आचरण करते हैं, महाविद्यालय में लगे कैमरे की निगरानी अविधिक रूप से प्रबंधक एवं प्रशासनिक अधिकारी द्वारा किया जाता है। जहां महिला शिक्षिकायें एवं बेटियां अध्ययन करती है, परीक्षाओं के शुचिता पूर्ण संचालन के लिए शासन द्वारा प्रबंधक का प्रवेश एवं निगरानी दोनों वर्जित है, चाय को शराब बताकर शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को प्रताड़ित करने के लिए शिक्षिकाओं की समिति बनाकर उन पर दंड देने का दवाब बनाया जाता है।

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आकस्मिक अवकाश लेने पर वेतन कटौती के आदेश दिये जाते थे, मनमाने तरीके से प्राचार्या की परिवीक्षा अवधि में वृद्धि कर वेतन वृद्धि रोक दी जाती है। इन्हीं सभी मांगो को लेकर पूर्व में लुआक्टा आंदोलनरत है, जिसके कारण उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय से वार्ता हुई थी। उन्होंने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच एवं समस्या के समाधान का आदेश दिया था।

लुआक्टा के 20 फरवरी को नारी शिक्षा निकेतन महाविद्यालय के दवाब में वार्ता प्रस्तावित थी, जो प्रबंधक के अनुपस्थिति के कारण नही हो सकी। लुआक्टा अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे द्वारा सभा को संबोधित करते हुए कहा गया कि प्रतिनिधिमंडल इस सम्बंध में सरकार से भी वार्ता करेगा यदि तब भी समाधान नहीं निकलता हैI

तो परीक्षा बहिष्कार का निर्णय भी लिया जा सकता है यदि इससे किसी तरह का शैक्षणिक एवं परीक्षा संबंधित कार्यों में व्यवधान उत्पन्न होता है तो पूरी जिम्मेदारी महाविद्यालय प्रबंधतंत्र की होगी। धरने में नारी महाविद्यालय की शिक्षिकाओं के साथ अवध गर्ल्स डिग्री कॉलेज, शशि भूषण डिग्री कॉलेज की शिक्षिकायें साथ में लुआक्टा पदाधिकारी तिरमल सिंह, मोहसिन रजा, अजयवीर, मुकेश मिश्रा, मो. हबीब, वाहिद आलम, मनीष हिंदवी, एल्वन दाऊद, परवेज मसीह, अब्दुररहीम, अरुण यादव और माधुरी यादव आदि मौजूद रहे।

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