दिल्ली हाईकोर्ट ने चित्रा रामकृष्ण को दी जमानत
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में फोन टैपिंग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एनएसई की पूर्व चेयरमैन चित्रा रामकृष्ण को दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है।

नई दिल्ली। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में फोन टैपिंग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एनएसई की पूर्व चेयरमैन चित्रा रामकृष्ण को दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। गुरुवार को केस की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। फोन टैपिंग के मामले में अदालत ने उन्हें पहले ही जमानत दे दी थी।
गौरतलब है कि जमानत याचिका में रामकृष्ण ने तर्क दिया था कि उनका दलालों से कोई संबंध नहीं था और जांच के अनुसार उनमें से किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया। हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय ने जमानत याचिका पर आपत्ति जताते हुए दावा किया था कि वह इस विषय में आपराधिक साजिश के पीछे की ‘मास्टरमाइंड’ थी।
ईडी के मुताबिक, फोन टैपिंग का मामला साल 2009 से 2017 के समय का है, जब एनएसई के पूर्व सीईओ रवि नारायण, रामकृष्ण, कार्यकारी अपाध्यक्ष रवि वाराणसी और प्रमुख महेश हल्दीपुर और अन्य पर एनएसई को धोखा देने की साजिश रचने का आरोप है।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि उन्होंने एनएसई की साइबर कमजोरियों का अध्ययन करने की आड़ में कर्मचारियों के फोन कॉलों को अवैध रूप से इंटरसेप्ट करने के लिए आइएसईसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को नियुक्त किया गया।
साल 2022 में चित्रा रामकृष्ण को सीबीआई ने मार्च में गिरफ्तार कर लिया था।
इसके बाद 14 जुलाई को ईडी ने वर्तमान मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई मामले में उन्हें उच्च न्यायलय ने पिछले साल सितंबर में जमानत दे दी थी लेकिन मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में वह ईडी की कार्रवाई का सामना कर रही थी।