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कंडे की राख से आयुर्वेदिक टूथपेस्ट, लाख की लेजर कटिंग से बनाया जा रहा मंदिर

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हुनरमंदों के स्टार्टअप को देखने के लिए आपको प्रदर्शनी में गंगा, बेतवा, केन आदि पंडालों में लगाए गए चार सौ से अधिक स्टॉल व स्टार्टअप में जाना होगा

सेवा पथ न्यूज़ डेस्क । लखनऊ में चल रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में बड़े-बड़े दिग्गज अपने प्रोजेक्ट की नुमाइश कर रहे है. हालांकि इनके बीच कई युवा भी अपनी छाप छोड़ रहे है। इनमे से कोई कंडे की राख से टूथपेस्ट बना रहा है तो  कोई आयुर्वेदिक तरीके से गाय के घी से स्किन क्रीम बना रहा है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हुनरमंदों के स्टार्टअप को देखने के लिए आपको प्रदर्शनी में गंगा, बेतवा, केन आदि पंडालों में लगाए गए चार सौ से अधिक स्टॉल व स्टार्टअप में जाना होगा। इनमे से कुछ तो ऐसे हैं, जो दिव्यांगों और महिलाओं से उत्पाद बनवाते है और इस तरह उन्हें रोजगार की मुख्य धारा से जोड़ रहे हैं।

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इन्ही में से एक  स्वयंपूर्णा काशी मसाले के स्टॉल पर अनंत वैश्य बताते है कि दिव्यांगों द्वारा तैयार ये हे मसाले शुद्ध व किफायती हैं और इससे 70 दिव्यांगों व महिलाओं को रोजगार मिला है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही दिव्यांग फ्रेंडली एक एजुकेशनल एप भी बना है जिसमे कक्षा एक से पांच तक एनसीईआरटी आधारित जानकारी मिलेगी।

दूसरी ओर सरयू हॉल में रामपुर के सीए अजय अग्रवाल, गीतिका व प्रांजल अग्रवाल ने अपने स्टार्टअप ‘गायवाला का स्टॉल’  की नुमाइश की, जहां गाय के गोबर से बने कई उत्पाद हैं। यहाँ मूर्तियां, केदारनाथ मंदिर, लक्ष्मीगणेश और पूजा सामग्री भी मिलती है।

अजय के अनुसार  उन्होंने 2013 से गाय के गोबर से बने उत्पादों पर 2013 से काम शुरू किया था। इसके साथ ही वो कई बीमारियों में लाभदायक  आयुर्वेदिक तरीके से गाय के घी से स्किन क्रीम शतधौत बनाते हैं। इससे इससे मुंहासों व सोरायसिस में आराम मिलता है।

इसके साथ ही टूथपेस्ट बनाने के लिए गाय के गोबर से बने कंडे को जमीन के नीचे जलाकर एक्टिव चारकोल मिलाते हैं। फिर उसमे 21 तरह की जड़ीबूटियों को और मिलाते है।

दूसरी ओर बनारस के निरंकार यादव का  प्लाईवुड व लाख से बने मंदिरों व अन्य उत्पादों का यूनिलैक इंडस्ट्रीज नाम से स्टार्टअप है। यहाँ प्लाईवुड व लाख की लेजर कटिंग की मदद से मंदिर बनते हैं।

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जिस तकनीक से श्री राम मंदिर बनता है, उनके यहां बिलकुल उसी तरह  बनाए गए मंदिर है, जिसकी कीमत 20 हजार रुपए है।

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