विपक्ष के हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिये स्थगित
सपा सदस्यों का उग्र रवैया राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के दौरान भी जारी रहा। विपक्षी सदस्यो विशेषकर सपा और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के ‘राज्यपाल वापस जाओ’ और सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। इस बीच कुछ सदस्य हाथों में तख्तियां लिये सदन की वेल पर भी पहुंच गये।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को राज्यपाल आंनदीबेन पटेल के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ. समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने सदन में हंगामा किया और राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान उनका शोर शराबा जारी रहा। राज्यपाल ने विपक्ष के हंगामे के बीच प्रदेश सरकार की विभिन्न उपलब्धियों का जिक्र किया।
उन्होंने सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया। वहीं विपक्ष के शोर-शराबे, हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिये स्थगित कर दी गई है। अपना दल के पूर्व विधायक स्वर्गीय राहुल प्रकाश कौल के निधन पर 21 फरवरी को शोक प्रस्ताव पारित कर सदन की कार्यवाही स्थगित की जाएगी। इसके बाद 22 फरवरी को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेंगे ।
जातीय जनगणना की मांग,महंगाई,बेरोजगारी और कानून व्यवस्था समेत अन्य मुद्दों को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने विधानभवन के अंदर और बाहर जमकर हंगामा किया। सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव के नेतृत्व में सपा सदस्यों ने विधानभवन के बाहर सरकार विरोधी नारेबाजी की और धरना दिया।
सपा सदस्यों का उग्र रवैया राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के दौरान भी जारी रहा। विपक्षी सदस्यो विशेषकर सपा और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के ‘राज्यपाल वापस जाओ’ और सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। इस बीच कुछ सदस्य हाथों में तख्तियां लिये सदन की वेल पर भी पहुंच गये।
दूसरी ओर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सत्र शुरू होने पहले योगी सरकार पर हमला करते हुए यह संकेत दे दिए कि सत्र के दौरान सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में आए हैं। सपा प्रमुख ने कहा कि ये सरकार है जिसने कहा कि एक लाख करोड़ रुपए मंडी के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए देंगे,आप बताइए उत्तर प्रदेश में इन्होंने एक भी मंडी बनाई? उन्होंने कहा कि दोनों सरकारों ने मिलकर हमारे गांव, गरीबों को लूटा है और बेरोजगारी चरम सीमा पर है। कानून व्यवस्था भी ध्वस्त है।
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वही, योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह दूसरा बजट है, जिसका आकार लगभग सात लाख करोड़ रुपये का है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत बजट के जरिये युवाओं, महिलाओं, किसानों और कामगारों को साधने की कोशिश होगी। विधानमंडल के पिछले सत्र के बाद लाए गए उप्र शीरा नियंत्रण (संशोधन) अध्यादेश, 2023 के प्रतिस्थानी विधेयक को सरकार बजट सत्र में पारित कराएगी। कुछ और नए विधेयक भी पारित कराए जा सकते हैं।
विधानसभा की बैठक 25 फरवरी और चार मार्च को शनिवार होने के बावजूद होगी। सत्र के दौरान विपक्ष सरकार को घेरने की पुरजोर कोशिश करेगा। रामचरितमानस को लेकर विवाद के बाद अखिलेश यादव कह चुके हैं कि वह सदन में मुख्यमंत्री से पूछेंगे कि कौन शूद्र है। जातीय जनगणना के मुद्दे को हवा दे रहे विपक्षी दल इस मोर्चे पर भी सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं।
वही, कानपुर देहात में झोपड़ी हटाने के दौरान मां-बेटी की जलकर हुई मौत की घटना ने भी विपक्ष को मुद्दा थमा दिया है। गन्ना मूल्य में वृद्धि न होने पर भी विपक्ष सरकार पर हमलावर होगा। कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, निराश्रित पशुओं और किसानों की समस्याओं को लेकर भी विपक्षी दल सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करेंगे।