
तुर्किये और सीरिया में हाल ही में आये भूकंप में हजारो की संख्या में लोगों की जान जा चुकी और दोनों देशों में कई इमारते खंडहर हो गई है. इसके चलते कई देश भूकंप के खतरे को लेकर डरे हुए है, इसके साथ ही भारत सरकार भी भूकंप को लेकर सतर्कता बरत रही है क्योंकि भूकंप के हल्के झटके से भी लोगों के बीच खौफ पसर जाता है.
वही अगर ये पता चले कि कोई ऐसा शहर भी है, जहां लगातार झटके आ रहे है. इसके चलते लोग अपने घर के बाहर खुले में सोने को मजबूर है तो सोच कर ही सिहरन हो जाती है.
ऐसे में लोगों को ये जानकर हैरानी होगी कि ये शहर भारत में ही है. रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा भूकंप प्रभावित क्षेत्र गुजरात का अमरेली जिले में पिछले दो साल में 400 भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. ये चौंकाने वाली जानकारी भारतीय वैज्ञानिकों ने दी है. हालांकि वैज्ञानिकों के अनुसार भूकंप के इन झटको की तीव्रता कम रही.
वैज्ञानिकों के अनुसार अमरेली जिले सहित सौराष्ट्र क्षेत्र का अधिकांश क्षेत्र भूकंपीय क्षेत्र तीन में है, जो मध्यम क्षति जोखिम क्षेत्र के रूप में वर्गीकृत है.
गांधीनगर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ सीस्मोलॉजिकल रिसर्च (आईएसआर) के कार्यवाहक महानिदेशक सुमेर चोपड़ा के अनुसार अमरेली में फॉल्ट लाइन 10 किलोमीटर की है, जबकि बड़े भूकंप के लिए फॉल्ट लाइन को 60 से 70 किमी से ज्यादा होनी चाहिए.
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उन्होंने कहा कि टेक्टोनिक सेटअप और हाइड्रोलॉजिकल लोडिंग मौसमी भूकंपीय गतिविधियों के चलते अमरेली में लगातार भूकंप आ रहे हैं. इसमें भी अमरेली के मितियाला गांव की सबसे ज्यादा भूकंप प्रभावित क्षेत्र के रूप में पहचान की गयी है जहां 400 में से कई भूकंप के झटके महसूस हुए हैं.
इसके चलते लोगों ने अपने घरों के बाहर सोना शुरू कर दिया है, ताकि किसी भी बड़ी भूकंपीय गतिविधि होने पर अपना बचाव किया जा सके. रिपोर्ट के अनुसार 23 फरवरी को भी अमरेली के सावरकुंडला और खंबा तालुका में 3.1 से 3.4 की तीव्रता के चार झटके महसूस हुए थे.
सुमेर चोपड़ा के अनुसार आमतौर पर ये झटके अल्पकालिक होते हैं, लेकिन दिनों, हफ्तों या कभी-कभी महीनों तक जारी रह सकते हैं और अक्सर इनका एक ही स्थान पर दोहराव हो सकता हैं. सुमेर चोपड़ा बताते है कि बार-बार आने की दशा में भूकंप के झटके हल्के ही होते हैं.
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उन्होंने कहा कि इन 400 भूकंप के झटको में से 86 फीसदी की तीव्रता दो फीसदी से भी कम और 13 फीसदी की तीव्रता दो से तीन के बीच थी. इनमे से सिर्फ पांच भूकंप के झटको की तीव्रता तीन के ऊपर रही,. उन्होंने कहा कि कई झटके तो लोगों ने महसूस भी नहीं किये.