विश्वस्तरीय धार्मिक संस्थाओं व आश्रमों को आयोध्या में आंवटित होगी भूमि
आवास विकास परिषद को बोर्ड बैठक में आवंटन नीति को मिली मंजूरी, 2000 से 8000 वर्ग मीटर तक के होगें भूखण्ड

लखनऊ। उत्तर प्रदेश आवास एंव विकास परिषद अयोध्या में नवविकसित सिटी में अंतर्राष्ट्रीय व भारत के विभिन्न राज्यों को सीधे भूखण्डों का आवंटन करेगा। यही नही उक्त आंवटन प्रक्रिया में प्रसिद्ध धार्मिक संस्थानों, मठ व आश्रमों को भी शामिल किया जायेगा। परिषद प्रशासन ने इसके लिए 65 भूखण्डों को आवंटन करने का निर्णय लिया है।
बुधवार को परिषद की बोर्ड बैठक में भूखण्डों को आवंटन करने के लिए आवंटन नीति मंजूरी प्रदान कर दी है। अयोध्या में सबसे छोटा भूखण्ड जहां 2000 वर्गमीटर का होगा तो वही अधिकतम 8000 वर्ग मीटर तक के भूखण्ड होगा। परिषद आवेदन करने वाले सभी लोगो को सीधे तथा उनकी पसन्द के स्थान पर भूखण्डों का आंवटन करेगा। वही एक ही भूखण्ड के लिए दो या उससे अधिक लोगो द्वारा आवेदन करने पर उसे लाट्ररी प्रक्रिया से आंवटित किया जायेगा।
- ये भी पढ़ें : नजीराबाद में सड़क की खुदाई से व्यापारी परेशान
अन्यथा की स्थिति में प्रथम आगत प्रथम स्वागत के आधार पर भूखण्ड आंवटित होगें। बुधवार को बोर्ड बैठक में हुए निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए अपर आवास आयुक्त व सचिव डाक्टर नीरज शुक्ला व विशेष कार्याधिकारी देश दीपक सिंह ने बताया की 15 मार्च तक इसके लिए पंजीकरण खोल दिया जायेगा। विदित है की पहले उक्त भूखण्डों के आंवटन की प्रक्रिया यूपी दिवस के अवसर पर शुरु की जानी थी । लेकिन थोड़ी देरी के चलते व अयोध्या में भूमि के अधिग्रहण को लेकर चल रहे विवादों को निस्तारित करने में काफी समय व्यतीत होने के चलते उक्त पंजीकरण नही खोला जा सका है ।
अब समस्त विवादों के निस्तारण के पश्चात व आंवटन नीति को बुधवार को बोर्ड बैठक से अनुमोदित होने के बाद परिषद प्रशासन 15 मार्च के आसपास पंजीकरण खोलने की तैयारी कर रहा है । कर्नाटक से पांच एकड, उत्तराखंड से आधा एकड, सिक्किम से आधा से पांच एकड़, मध्य प्रदेश से आधा से पांच एकड, नागालैण्ड आधा से पांच एकड, तिरुपति मन्दिर से आधा से पांच एकड, साईधाम ट्रस्ट से आधा से पांच एकड, इस्कॉन मन्दिर से आधा से पांच एकड, पंतजलि से आधा से पांच एकड भूमि के लिए आवेदन किया गया है।