मासूम के गाल पर बंदी रक्षकों के मुहर लगाने के मामले में जेल प्रशासन ने दी सफाई
रिपोर्ट के अनुसार लखीमपुर खीरी के भगौतीपुर गांव में रहने वाला ये तीन वर्षीय बच्चा शुक्रवार को दादी के साथ फुफेरे भाई से मिलने जिला कारागार आया था

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जनपद में जेल प्रशासन द्वारा तीन वर्षीय मासूम के गाल पर बंदी रक्षकों द्वारा मुहर लगाये जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। दरअसल ये मासूम बच्चा दादी के साथ जेल मेंअपने भाई से मिलने आया था, वही बच्चे के वापस बाहर निकने पर विवाद बढ़ा।
मामले में जेल प्रशासन ने जांच के आधार पर कार्रवाई की बात कही है। रिपोर्ट के अनुसार लखीमपुर खीरी के भगौतीपुर गांव में रहने वाला ये तीन वर्षीय बच्चा शुक्रवार को दादी के साथ फुफेरे भाई से मिलने जिला कारागार आया था।
जेल के नियमों के अनुसर मुलाकात करने वालो के हाथ पर मुहर लगती है, जिससे बंदियों और उनसे मिलने आए लोगों के बीच में फर्क किया जा सके. वापसी में यही मुहर देखकर बंदी रक्षक मिलने वाले को वापस जाने देते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को जेल के अंदर आने के बाद बंदी रक्षकों ने मासूम के गाल पर मुहर लगा दी जिससे वो म रोने लगा जिसे उसकी दादी ने शांत कराया। फिर बाहर आने के बाद दादी ने जेल प्रशासन से नाराजगी जताई और बंदी रक्षकों के व्यवहार की शिकायत की।
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दरअसल इस मामले में बच्चा जब जेल से बाहर निकला था तो केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की रिहाई के चलते मीडिया कर्मी मौके पर मौजूद थे जिन्हें बच्चे की दादी ने घटना की जानकारी दी।
इस मामले में जेल अधीक्षक विपिन मिश्रा ने सफाई दी कि हो सकता है मुहर बच्चे के हाथ पर लगी हो और उसने अपना हाथ गाल पर लगा लिया हो, जिससे मुहर गाल पर लग गई होगी।
मामले में जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने जांच रिपोर्ट के आधार पर मामले में एक्शन होगा और परिवार से घटना को लेकर जानकारी भी लेंगे। अगर ये मामला जानबूझकर बच्चे को परेशान करने का निकला तो उसके खिलाफ भी एक्शन होगा।