उत्तर प्रदेशलखनऊ

डेढ़ गुना दर पर आवंटित होंगे भूखण्ड,15 मार्च से मांगे जायेंगे आवेदन

इन भूखण्डों को जहां है जैसा है के आधार पर पंजीकरण के माध्यम से आंवटित किया जायेगा। पंजीकरण मूल्य भूखण्ड के निर्धारित मूल्य का 10 प्रतिशत होगा। इसके अतिरिक्त आंवटन के समय आरक्षित दर का निर्धारण आवासीय दर का डेढ़ गुना दर पर आंवटित होने के साथ ही 12 प्रतिशत फ्री होल्ड शुल्क जोड़कर लिया जायेगा।

लखनऊ। आंवटित की जाने वाली भूमि वर्तमान आवसीय दर से डेढ़ गुना अधिक दर पर आंवटित की जायेगी। इसके लिए धार्मिक संस्थानों, मठ, आश्रम व चैरेटिबल ट्रस्ट को इण्डियन ट्रस्ट एक्ट 1882 अथवा इण्डियन क पनीज एक्ट 2013 में नॉट फार प्रोफिट कंपनी के रुप में पंजीकरण कम से कम तीन वर्ष पुराना होना चाहिए। उक्त रजिस्ट्रेशन न होने पर धार्मिक संस्थानों,मठ,आश्रम व चैरेटिबल ट्रस्टों का आवेदन निरस्त कर दिया जायेगा।

इस मामले को शासन से अनुमति मिलने के पश्चात 15 मार्च से पंजीकरण कराने के लिए आवेदन मांगे जायेगें। अपर आवास आयुक्त एंव सचिव डा नीरज शुक्ला व विशेष कार्याधिकारी देश दीपक सिंह ने बताया कि धार्मिक सस्ंथानो,मठ, आश्रमों व चैरेटिबल ट्रस्टों को उनके आवेदन करने पर सीधे उनकी पसन्द के अनुसार भूखण्ड आंवटित किये जायेगें । एक ही भूखण्ड पर दो या उससे अधिक लोगो के आवेदन करने पर उसे लाट्ररी के माध्यम से आंवटित किया जायेगा।

इन भूखण्डों को जहां है जैसा है के आधार पर पंजीकरण के माध्यम से आंवटित किया जायेगा। पंजीकरण मूल्य भूखण्ड के निर्धारित मूल्य का 10 प्रतिशत होगा। इसके अतिरिक्त आंवटन के समय आरक्षित दर का निर्धारण आवासीय दर का डेढ़ गुना दर पर आंवटित होने के साथ ही 12 प्रतिशत फ्री होल्ड शुल्क जोड़कर लिया जायेगा। इसके अतिरिक्त भूखण्ड के कार्नर होने की स्थिति में 10 प्रतिशत अतिरिक्त कार्नर शुल्क भी देना होगा।

पांच वर्ष में करना होगा निर्माण

भूखण्डों का कब्जा प्राप्त करने के बाद उसे उक्त तिथि से पांच वर्ष के भीतर निर्माण कार्य पूर्ण करना होगा। निर्माण कार्य पूर्ण न करने पर टोकन राशि को जब्त करने हुए आंवटन को निरस्त कर दिया जायेगा। भूखण्डों के आवंटन के लिए आंवदेन आने के पश्चात आवास आयुक्त द्वारा बनायी गयी समिति उनके प्रपत्रों की स्क्रीनिंग करेगी।

यह समिति ही आवेदन पत्रों की स्क्रीनिंग से लेकर आंवटन तक के लिए जि मेदार होगी। आवास आयुक्त से अनुमन्य अधिकारी ही इस स्क्रीनिंग समिति में शामिल होगें । जो आवेदन करने वाले विभिन्न धार्मिक संस्थान, मठ ,चैरेटिबल ट्रस्ट व आश्रमों के द्वारा प्रस्तुत किये गये प्रपत्रों की जांच करेगें की कही फर्जी प्रपत्र लगाकर तो नही किसी अन्य ने आंवटन कराने के लिए उक्त आवेदन किया है।

आवेटन करने वालों में कुछ लोगो को प्राथमिकता के तौर पर भूखण्डों का आंवटन किया जायेगा। जिसमें धार्मिक सस्ंथन,मठ,आश्रम व चैरेटिबल ट्रस्ट के सस्ंथापक भारतरत्न अथवा पदम पुरुस्कार से सम्मानित हो। इसके अतिरिक्त ऐसी संस्थाए जो इनकम टैक्स विभाग में चैरेटिबल अथवा धार्मिक संस्थाओं के रुप में रजिस्टर्ड हो साथ ही उन्हे आयकर अधिनियम की धारा 80जी का लाभ प्राप्त हो।

छह माह बाद आम लोगों के लिए खोले जाएगें पंजीकरण

15 मार्च से अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय व राज्यों समेत धार्मिक संस्थानों, मठ ,आश्रमों व चैरेटिबल ट्रस्टों को भूखण्डों का आवटन करने के लिए पंजीकरण खुलेंगे। 10,000 से अधिक छोट व बड़े आवासीय भूखण्डों के लिए भी पंजीकरण खोलने की तैयारी कर रहा है। अपर आवास आयुक्त व सचिव डा नीरज शुक्ला ने बताया की बीते काफी समय से अयोध्या समेत आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगो लोगों को आवास बनाने के लिए भूखण्डों का पंजीकरण खोलने की मांग की जा रही है।

जिसके लिए 10,000 भूखण्डों की योजना लायी जा रही है। लेकिन उक्त योजना के तहत पंजीकरण खोलने के लिए अभी छह माह की और आवश्यकता है ,जिसमें समस्त वर्गो के लिए भूखण्डों की योजनाएं लायी जायेगी। हालाकि अभी उक्त भूखण्डों की दरें तय नही हुई हैं।

परिषद कर्मिकों को मिलेगा 38 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता
परिषद कर्मिकों ,पेशंनरों,पारिवारिक पेशंनरों को 38 प्रतिशत की दर से मंहगाई भत्ता व राहन अनुमन्य किये जाने का प्रस्ताव लाया गया था। जिसे भी चर्चा के पश्चात सर्वस मति से पास कर दिया गया ।

इसके अतिरिक्त परिषद लैट्ïस को प्रथम आगत प्रथम स्वागत के तहत देने के लिए आये प्रस्ताव समेत गाजियाबाद की वसुन्धरा योजना के सेक्टर 7 व 8 में स पत्तियों के पुनर्नियोजन और उनके विक्रय के लिए नियुक्त कन्सलटेन्ट द्वारा प्रस्तुत किये गये प्रस्तुतिकरण को मोडीफाई करने, सिकन्दरा योजना आगरा में सेक्टर नौ में ग्राम मौजा सिकन्दरा वाहिस्ताबाद परगना में पूर्व में आंवटित 18,670 वर्गमीटर भूखण्ड में फर्जीवाड़ा करने पर 3000 वर्गमीटर का आंवटन निरस्त करने के आये प्रस्ताव को सहमति से पास कर दिया गया है।

वर्ष 2020 से पूर्व बरेहटा में बने भवनों को नही अधिग्रहित किया जायेगा

अयोध्या के ग्राम मांझा बरेहटा में परिषद प्रशासन द्वारा नयी अयोध्या बसाने के लिए अधिग्रहित की जा रही भूमियों के मध्य आ रहे भवनों, बिल्डिगों ,स्कूल कालेज व अन्य निर्माणें को ध्वस्त नही किया जायेगा । उक्त मामले को लेकर भी आये प्रस्ताव को हरी झण्डी दिखा कर पास कर दिया गया है। अपर आवास आयुक्त नीरज शुक्ला ने बताया की वर्ष 2020 अक्टूबर से पूर्व अगर उक्त ग्राम में कोई निर्माण कार्य हुआ है ,तो उसे तोड़ा नही जायेगा और न ही उसे अध्रिहित किया जायेगा।

बताया की उक्त मामले में आमंत्रित आपत्तियों की सुनवाई के लिए गठित समिति ने ने सुनवाई करने के पश्चात अपनी उक्त संस्तुति कर दी है । जिसमें धारा 28 के तहत पुराने निर्माणों को छोडऩे के लिए कहा गया है । बताया की योजना के लिए कुल 250 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जानी है ,जिसमें से कुल 7 प्रतिशत भूमि को छोडऩे का निर्णय लिया गया है।

जिसे प्रदेश शासन को संस्तुति के लिए भेज दिया गया है। विदित है की नयी अयोध्या बसाने के लिए परिषद प्रशासन की ओर से ग्राम सहनवाजपुर , तिवहुरा व मांसा बरेहटा की भूमि को अधिग्रहित किया जाना है। यही नही इसके अतिरिक्त उक्त योजना के बगल में भी कुल 250 एकड़ और अतिरिक्त भूमि भी परिषद प्रशासन अधिग्रहित करने जा रहा है।

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