मुलायम सिंह यादव, जाकिर हुसैन एवं राकेश झुनझुनवाला सहित 106 को पद्म पुरस्कार
चयनितों की घोषणा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की। इस लिस्ट में 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री शामिल हैं। कुल लिस्ट में 19 महिलाएं हैं। पद्म पुरस्कार के समारोह आमतौर पर हर साल मार्च/अप्रैल के आसपास होता है

यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव, मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन, फेमस बिजनेसमैन और शेयर मार्केट के एक्सपर्ट राकेश झुनझुनवाला, बॉलीवुड एक्ट्रेस रवीना टंडन सहित कुल 106 लोगों को इस साल पद्म पुरस्कार मिलेंगे।
इस बारे में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 2023 के पद्म सम्मान के लिए चयनितों की घोषणा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की। इस लिस्ट में 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री शामिल हैं। कुल लिस्ट में 19 महिलाएं हैं। पद्म पुरस्कार के समारोह आमतौर पर हर साल मार्च/अप्रैल के आसपास होता है।
इस वर्ष, 106 पद्म पुरस्कार में 3 युगल और मरणोपरांत भी हैं। इनमें 19 महिलाएं और दो विदेशी/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई शामिल हैं। चार अन्य पद्मभूषण/पद्मश्री पुरस्कार मरणोपरांत हैं।
रिपोर्ट के अनुसार समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव, पूर्व विदेश मंत्री एस.एम. कृष्ण और तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन को गणतंत्र दिवस 2023 के अवसर पर पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
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सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार के अन्य प्राप्तकर्ता प्रख्यात वास्तुकार बालकृष्ण दोशी हैं – जिनका मंगलवार को निधन हो गया था। डॉक्टर दिलीप महालनाबिस, जिन्होंने ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) के व्यापक उपयोग का बीड़ा उठाया,
जिसके बारे में अनुमान है कि इसने विश्व स्तर पर 5 करोड़ से अधिक लोगों की जान बचाई है। पद्मभूषण विजेताओं में व्यवसायी कुमार मंगलम बिड़ला, कन्नड़ लेखक एस.एल. भैरप्पा, गायक वाणी जयराम और सुमन कल्याणपुर, परोपकारी और लेखिका सुधा मूर्ति हैं।
91 पद्मश्री पुरस्कार पाने वालों में अरबपति स्टॉकब्रोकर राकेश झुनझुनवाला (मरणोपरांत), एम.एम. इस वर्ष के ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ मूल गीत के लिए दौड़ में शामिल ‘आरआरआर’ का गीत ‘नाटू नटू’ के संगीतकार एमएम कीरावनी, व्यवसायी और ‘रसना’ के संस्थापक आरेज खंबाटा, बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन शामिल हैं।
वही खिलाड़ियों में सिर्फ एस.आर.डी प्रसाद, के. शानाथोइबा शर्मा और गुरचरण सिंह को पद्मश्री के लिए चुना गया है। इस लिस्ट में इरुवा आदिवासी सांप पकड़ने वाले वदिवेल गोपाल और वैश्विक सर्प रक्षक कौन मासी सदइयां, गांधीवादी वी.पी. अप्पुकुट्टन पोडुवल, जिन्हें ‘कन्नूर का गांधी’ कहा जाता है।
इसके अलावा सेवानिवृत्त सरकारी डॉक्टर रतन चंद्र कार, जिन्होंने 1999 की खसरा महामारी के दौरान अंडमान के लुप्तप्राय जारवाओं का इलाज किया और उन्हें विलुप्त होने के कगार से वापस लाया, ने जनसंख्या को 76 से 270 तक बढ़ाने में योगदान दिया।