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सड़क दुर्घटना रोकने की दिशा में बड़ी पहल, यूपी में सड़क सुरक्षा अभियान 5 जनवरी से 4 फरवरी तक

सड़क दुर्घटना में किसी की असामयिक मृत्यु की रोकथाम के लिए और इसे न्यूनतम करने के लिए  “5E यानी एजुकेशन, एनफोर्समेंट, इंनियरिंग, इमरजेंसी केयर और एनवायरमेंट” पर फोकस करते हुए काम होगा

लखनऊ। जागरूकता की कमी के चलते बढती सड़क दुर्घटनाओं में  किसी की असामयिक मृत्यु अत्यंत दुःखद है। इस सिलसिले को रोकने के लिए प्रदेश सरकार तैयार है। इस दिशा में अहम् पहल करते हुए सीएम आदित्यनाथ आगामी यूपी में 5 जनवरी से 4 फरवरी तक प्रदेशव्यापी सड़क सुरक्षा अभियान चलाने के निर्देश दिए है।

सीएम की मंशा है कि मिशन मोड में प्रयास किया जाये ताकि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सीएम ने  ने मंगलवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस बारे में कई निर्देश दिए।

सीएम योगी के अनुसार  सड़क दुर्घटना में किसी की असामयिक मृत्यु की रोकथाम के लिए और इसे न्यूनतम करने के लिए  “5E यानी एजुकेशन, एनफोर्समेंट, इंनियरिंग, इमरजेंसी केयर और एनवायरमेंट” पर फोकस करते हुए काम होगा।

सीएम इस बात पर चिंतित दिखे कि पिछले एक साल में  21,200 से ज्यादा  लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई है. वही कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के चलते पिछले पौने तीन साल में  प्रदेश में 23,600 लोगों की मौत हुई है। सीएम के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ वृहद अभियान चलाना होगा।

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इसके लिए  आगामी 5 जनवरी से 4 फरवरी तक प्रदेशव्यापी सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जाए और इसमें जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए। बैतःक में सड़क दुर्घटना के प्रमुख कारण जैसे खराब रोड, ओवरस्पीडिंग, ओवरलोडिंग, सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग न करना और नशे की स्थिति में वाहन चलाना पर विचार के साथ इस पर भी चिंता जतायी गई कि

कानपुर नगर, आगरा, प्रयागराज, अलीगढ़, बुलंदशहर, मथुरा जैसे बड़े शहरों में सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। एक्सप्रेस-वे अथवा राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़े इन शहरों में दुर्घटनाओं पर लगाम के लिए काम होना चाहिए और  ओवरलोडिंग रोकने के लिए टास्क फोर्स  गठित की जाए।

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