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40 साल बाद अपने गुरु जी से मिले यूपी के मुख्य सचिव, लिया आशीर्वाद

उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा यानी डीएस मिश्रा कानपुर IIT से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैंI सीनियर IAS डीएस मिश्रा देश के पांच शहरों में मेट्रो रिकॉर्ड समय में दौड़ा चुके हैंI

उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा यानी डीएस मिश्रा कानपुर IIT से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैंI सीनियर IAS डीएस मिश्रा देश के पांच शहरों में मेट्रो रिकॉर्ड समय में दौड़ा चुके हैंI कभी वह सिविल सर्वेंट बनने के पहले नौकरी के लिए विदेश जाने वाले थे, लेकिन उनके प्रोफेसर ने उन्हें देश सेवा के लिए रोक लिया थाI

अब यह नौकरशाह अपने उन्हीं प्रोफेसर से मिलने उनके घर जा पहुंचाI उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा कर्नाटक दौर पर हैंI योगी सरकार के सबसे ताकतवर नौकरशाह ने दक्षिण के इस राज्य की राजधानी में अपने गुरुजी यानी कॉलेज के पूर्व प्रोफसर से मुलाकात कीI डीएस मिश्रा ने बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर के प्रोफेसर वी. राजारमन ने ही उनको विदेश जाने की बजाए देश सेवा करने की सलाह दी थीI

कानपुर आईआईटी के पूर्व छात्र और यूपी सरकार के चीफ सेक्रेरेटरी डीएस मिश्रा ने लखनऊ से करीब 2000 किलोमीटर दूर बेंगलुरु जाकर IIT कानपुर के पूर्व प्रोफेसर वी. राजारमन और धर्मा आंटी से मिलेI उन्होंने दोनों बुजुर्ग शिक्षाविदों का आशीर्वाद प्राप्त किया I

मुख्य सचिव ने बताया, ”प्रो. वी. राजारमन जी से मैंने कंप्यूटर साइंस का पहला पाठ पढ़ा था. देश में कंप्यूटर शिक्षा का विकास करने में इनका अग्रणी और अहम योगदान हैI उन्होंने आगे लिखा कि शांता आंटी जी के मार्गदर्शन में मैंने छात्र कार्यों के डीन (डॉ. जी.के. लाल) के वित्तीय सहयोग से IIT में वर्ष 1979 में एक बुक बैंक की स्थापना की थीI इसका मुख्य मकसद मेरे जैसे आर्थिक पृष्ठभूमि वाले छात्रों को अत्यंत महंगी किताबें कुल मूल्य के मात्र 10% पर उपलब्ध कराना थाI

इसमें से भी 5% की धनराशि छात्रों को सेमेस्टर पूर्ण हो जाने के बाद ठीक हालत में किताब लौटाने पर वापस कर दी जाती थी. इससे बहुतेरे छात्रों को आईआईटी की पढ़ाई में आर्थिक कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता थाI

कानपुर आईआईटी  से 1983 बैच के स्टूडेंट डीएस मिश्रा के मुताबिक, 90 साल से अधिक उम्र के प्रो. राजारमन जी कम्प्यूटर विज्ञान के एक अत्यन्त सफल लेखक हैंI अभी भी वह अपनी अगली पुस्तक ‘History of Computing in India’ पर कार्य कर रहे हैंI आईआईटी की पढ़ाई के दौरान चौथे वर्ष में जब मैं अपने करियर को लेकर असमंजस में था कि मैं विदेश जाऊं या देश में रहूं, तब मुझे प्रो. राजारमन जी ने ‘n+1 सिंड्रोम’ का सिद्धांत समझा कर देश में रहकर अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित कियाI उनकी इस बहुमूल्य सलाह ने मुझे अब तक देश के लिए पूरे मनोयोग के साथ राष्ट्र प्रथम की भावना से कार्य करने और उसे पूरा करने की प्रेरणा प्रदान की हैI

बता दें कि 1984 बैच के आईएएस दुर्गा शंकर मिश्रा डीएस मिश्रा भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार दोनों के लिए कई अहम पदों पर सेवाएं दे चुके हैं. उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के रहने वाले डीएस मिश्रा कई जिलों में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट यानी डीएम रह चुके हैं. इस समय वे दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष भी हैंI

दुर्गा शंकर मिश्रा ने IIT कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. जबकि यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टन सिडनी से उन्होंने एमबीए किया है. यही नहीं, नीदरलैंड की इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज से पब्लिक पॉलिसी में वह पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी कर चुके हैं. इसके अलावा, मिश्रा के पास मानव संसाधन प्रबंधन में स्नातकोत्तर यानी पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी हैI

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