शिमला में बादल फटने से तबाही, 6 की मौत, पीड़ितों को 5 हजार रुपये प्रतिमाह देगी सरकार

शिमला । हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने तबाही मचाई है। राज्य के कई जिलों में बादल फटने से 8 लोगों कमौत हो गई। 50 से से अधिक लोग लापता हैं। मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसको लेकर स्थानीय प्रशासन चौकन्ना हो गया है। भारी बारिश के बाद से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भूस्खलन (Landslide) की घटनाएं बढ़ गई हैं। सभी पहाड़ी नदियां उफान पर हैं। पर्यटकों को भारी बारिश में बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।

राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव डीसी राणा ने बताया कि शिमला जिले के समेज क्षेत्र, रामपुर क्षेत्र, कुल्लू के बाघीपुल क्षेत्र और मंडी के पद्दार क्षेत्र में बादल फटने से व्यापक तबाही हुई है। 53 लोग लापता हैं और 6 शव बरामद किए गए हैं। 60 से अधिक घर बह गए हैं। कई गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने फंसे हुए लोगों को बचाया है।

बुधवार रात हिमाचल के तीन जिलों- कुल्लू, मंडी और शिमला में बादल फटने से अचानक बाढ़ आने के बाद मंडी के राजबन गांव से 2 शव और कुल्लू के निरमंड से एक शव बरामद किया गया। कुल्लू में श्रीखंड महादेव के आसपास फंसे करीब 300 लोग सुरक्षित हैं और मलाणा में करीब 25 पर्यटकों की स्थानीय लोग अच्छी तरह देखभाल कर रहे हैं।अधिकारियों ने बताया कि सेना, एनडीआरएफ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस और होमगार्ड के जवान ड्रोन की मदद से बचाव अभियान चलाया गया।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के साथ शिमला और कुल्लू जिले की सीमा पर स्थित समेज का दौरा करके स्थिति का जायजा लिया और पीड़ितों से बात की।

सीएम सुक्खू ने कहा कि लोगों को बचाना राज्य की पहली प्राथमिकता है। लापता लोगों में 17-18 महिलाएं और 8-9 बच्चे शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने पीड़ितों के लिए 50,000 रुपये की तत्काल राहत की घोषणा की और यह भी कहा कि उन्हें अगले तीन महीनों के लिए किराये के लिए 5,000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। साथ ही रसोई गैस, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं भी दी जाएंगी।

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