अनहेल्दी डाइट, लाइफस्टाइल, बहुत ज्यादा सिगरेट, तंबाकू का सेवन जैसी और भी कई वजहें हैं, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को जन्म देती हैं। दुनियाभर में होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण कैंसर है।बढ़ती उम्र में इस बीमारी के होने का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है। साथ ही बुढ़ापे में होने वाली कुछ बीमारियां भी इसके होने की संभावनाओं को बढ़ाने का काम करती हैं। दरअसल, उम्र बढ़ने के साथ ही हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ नहीं पाता। जिसके चलते शरीर कई सारी बीमारियों का शिकार होने लगता है। वृद्धावस्था में स्वस्थ खानपान और व्यायाम का विशेष महत्त्व होता है। ऐसे में आप पोषण युक्त आहार का सेवन कर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को भी मात देने में कामयाब हो सकते हैं।
कैंसर के जोखिम को कम करने में मददगार हैं ये चीज़ें
स्वस्थ आहार लें
हेल्दी व बैले डाइट लेना बुढ़ापे में कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है। फल, सब्जियां, अखरोट, बीन्स, और स्प्राउट्स में प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है, जिसे खाने से शरीर स्वस्थ और कई तरह की गंभीर बीमारियों से महफूज रहता है।
नियमित व्यायाम करें
रोजाना कुछ देर व्यायाम करना बुढ़ापे में भी आपको हेल्दी बनाए रखेगा। वैसे तो सुबह का वक्त बेस्ट होता है एक्सरसाइज के लिए, लेकिन किसी वजह से सुबह व्यायाम के लिए वक्त नहीं निकाल पा रहे हैं, तो जब भी टाइम मिले, ज्यादा नहीं बस 30 मिनट का टाइम खुद को दें। तेज चलना, साइक्लिंग, योग जैसी फिजिकल एक्टिविटीज न केवल कैंसर के खतरे को कम करते हैं, बल्कि आपको हेल्दी रखते हैं।
तम्बाकू का इस्तेमाल न करें
धूम्रपान शरीर को किसी भी तरह से फायदा नहीं पहुंचाता और कैंसर से होने वाली मौतों की सबसे बड़ी वजह धूम्रपान का सेवन है।
शराब का सेवन कम करें
शराब का सीमित मात्रा में सेवन नुकसानदायक नहीं, लेकिन बहुत ज्यादा पीने से कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है। ज्यादा शराब पीने से लिवर कैंसर सहित कई और बीमारियां होने का भी डर रहता है।
धूप से बचाव
स्किन कैंसर से बचने के लिए धूप से बचाव जरूरी है। धूप से बचाव के लिए बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन जरूरत लगाें। धूप वाला चश्मा पहनें, सिर के साथ हाथों को भी कवर करके रखें।
नियमित चेकअप करवाएं
बुढ़ापे में नियमित चेकअप और स्क्रीनिंग करवाना बहुत महत्वपूर्ण होता है इसलिए अपने डॉक्टर से नियमित जांच और सलाह लें। यह कैंसर के जोखिम को जल्दी पहचानने और उपचार को समय पर शुरू करने में मदद कर सकता है।
इन तरीकों को अपना कर बुढ़ापे में कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है।
(डॉ. भावना बंसल, हिस्टोपैथोलॉजी हेड, ऑनक्वेस्ट लेबोरेटरीज़ से बातचीत पर आधारित)