हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथि का अहम महत्व है। हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन अमावस्या तिथि पड़ती है। इस बार साल 2024 की पहली अमावस्या आज है। धार्मिक मत है कि अमावस्या के अवसर पर भगवान विष्णु, सूर्य देव और महादेव की पूजा-व्रत करने का विधान है। साथ ही पिंडदान और पितरों का तर्पण करने से व्यक्ति के जीवन में खुशियों का आगमन होता है और पितृ देव प्रसन्न होते हैं। मान्यता के अनुसार, इस दिन कुछ कार्यों को करने की सख्त मनाही है, जिनको करने से साधक को जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है और भगवान विष्णु, सूर्य देव और महादेव रुष्ट हो जाते हैं। चलिए जानते हैं कि पौष अमावस्या के दिन कार्यों को करने से बचना चाहिए।
पौष अमावस्या के दिन न करें ये कार्य
पौष अमावस्या की रात को अकेले बाहर नहीं जाना चाहिए। मान्यता के अनुसार, अमावस्या की सबसे काली रात्रि मानी जाती है।
अगर इस दिन रात को बाहर जाना बहुत आवश्यक है, तो चंद्र गायत्री मंत्र का जाप करके घर से बाहर निकलें। साथ ही भगवान का स्मरण करते रहें।
इस दिन तामसिक भोजन (मांस, मछली, अंडा लहसुन और प्याज) का सेवन नहीं करना चाहिए।
पौष अमावस्या के दिन किसी का अपमान न करें।
इस दिन सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए। देर तक सोने से व्यक्ति को अशुभ फल की प्राप्ति होती है।
किसी भी तरह के लड़ाई-झगड़े से बचना चाहिए।
पौष अमावस्या के दिन भूलकर भी तुलसी दल को न तोड़ें। अमावस्या के दिन भगवान के भोग के लिए एक दिन पहले ही तुलसी दल को तोड़ कर रख लें।
इस दिन कोई भी मांगलिक कार्य न करें।
पौष अमावस्या का महत्व
पौष अमावस्या के अवसर पर पितृ तर्पण किया जाता है। ऐसा करने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं। जो लोग कालसर्प दोष का सामना कर रहे हैं वह अमावस्या के दिन विधिपूर्वक पूजा करके कालसर्प दोष से छुटकारा पा सकते हैं। मान्यता है कि इस दिन स्नान, दान, पूजा करने से व्यक्ति की मनचाही मनोकामना पूरी होती है।