एचएमपीवी को लेकर जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, आइसोलेशन वार्ड तैयार

जम्मू-कश्मीर में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। बच्चों में संक्रमण के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए जम्मू के जीएमसी अस्पताल में 31 बेड का विशेष आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। हालांकि, राज्य में अब तक इस वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है।

क्या है एचएमपीवी और इसके लक्षण?
एचएमपीवी एक मौसमी वायरस है, जो मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके शुरुआती लक्षण सर्दी, खांसी और बुखार जैसे होते हैं। समय पर इलाज न मिलने पर यह गंभीर श्वसन समस्याओं में बदल सकता है। यह वायरस छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है।

स्वास्थ्य विभाग की तैयारी

  • जीएमसी जम्मू में 31 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है।
  • मरीजों के इलाज और आइसोलेशन के लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
  • आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल प्रशासन पूरी तरह तैयार है।

लोगों के लिए सुझाव
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और इन बचाव उपायों का पालन करें:

  • भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
  • हाथों को नियमित रूप से धोएं।
  • बुखार, खांसी या सांस लेने में दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें।

जागरूकता और सतर्कता से रोकथाम संभव
जम्मू-कश्मीर में अब तक एचएमपीवी का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। समय पर इलाज और सावधानियों के जरिए इस संक्रमण से बचाव संभव है।

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